उम्मीदे

उत्तराखंडियों से भी सवाल, क्यों बेच रहे हैं बाहर वालों को अपनी जमीन?

मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर रैली में शामिल संगठनों ने उत्तराखंड के आम जनमानस से भी अपील करते हुए कहा कि वे अपनी पहाड़ों की जमीनों को कौड़ियों के दाम पर न लुटाएं। बाहरी लोगों को अपनी जमीनें न बेचने की अपील की।

डीएवी कालेज के पूर्व अध्यक्ष, राज्य आंदोलनकारी वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि लोग अपनी जमीनों को बचाएं। अपने जल, जंगल, जमीनों को बचा कर रखने की हमारी भी जिम्मेदारी है। आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि ये बेहद चिंताजनक है कि हम खुद अपनी जमीनों को बाहरी लोगों को बेच रहे हैं।

खुद उन्हें अपने गांवों का रास्ता दिखा रहे हैं। कहा कि हिमाचल की तरह सख्त भू कानून की मांग यदि हम सरकारों से कर रहे हैं, तो हमें भी हिमाचलियों जैसी नियत भी अपने चरित्र में शामिल करनी होगी। अपनी जमीनों को बचाने के लिए सबसे पहले हमें खुद ही आगे आना होगा।

कुंजापुरी विहार वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व महासचिव श्रीश कोठियाल ने कहा कि आज ऋषिकेश से नई टिहरी, श्रीनगर, यमकेश्वर, लैंसडौन तक लोग खुद अपनी जमीनों को कौड़ियों के दाम पर बेचने पर तुले हैं।

Leave a Response