उत्तराखंड में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत फर्जी साधुओं पर कार्रवाई जारी है. हरिद्वार जिले की अलग-अलग थाना पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि के तहत 44 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए सभी बाबा साधु-संतों का भेष धर कर तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और अन्य प्रकार का ढोंग दिखाकर श्रद्धालुओं और आमजन को भ्रमित कर रहे थे. हरिद्वार पुलिस का कहना है कि उनका ये अभियान लगातार जारी रहेगा.
उत्तराखंड में ऑपरेशन कालनेमि के तहत ढोंगी बाबाओं के खिलाफ तेजी से एक्शन हो रहा है. इसी कड़ी में एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र डोबाल के निर्देश पर जनपद की थाना पुलिस ने ऑपरेशन कालनेमि चलाया हुआ है. इसी क्रम में रुड़की की गंगनहर कोतवाली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गंगनहर पटरी और रेलवे स्टेशन के आस-पास गश्त और चेकिंग के दौरान बहुरूपी बाबाओं को हिरासत में लिया गया. पुलिस के मुताबिक ये सभी आरोपी बाबाओं का भेष धारण कर तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और धोखाधड़ी की कला दिखाकर श्रद्धालुओं को भ्रमित कर रहे थे.
जिससे भीड़-भाड़ और संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही थी. उधर दूसरी ओर पिरान कलियर थाना क्षेत्र में दरगाह और आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर विभिन्न प्रांत उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र के रहने वाले फर्जी बाबाओं को भी गिरफ्तार किया. जिसके बाद नियमानुसार कार्रवाई कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया. इसके अलावा मंगलौर कोतवाली पुलिस ने भी 11 फर्जी बाबाओं को हिरासत में लिया गया. इसी के साथ खानपुर पुलिस ने एक बाबा और भगवानपुर पुलिस ने दो बाबाओं को हिरासत में लिया. बताते चलें, पुलिस की यह कार्रवाई उन ढोंगी बाबाओं के खिलाफ है, जो धर्म की छवि धूमिल कर समाज को गुमराह कर रहे हैं.
वहीं हरिद्वार पुलिस का यह अभियान लगातार जारी रहेगा. प्रदेश में साधु संतों का भेष बनाकर लोगों को ठगने और सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त एक्शन ले रही है. जनपद पुलिस द्वारा अभी तक कई ढोंगी बाबाओं को गिरफ्तार किया जा रहा है और आगे भी कार्रवाई जारी है. उत्तराखंड सरकार के ‘ऑपरेशन कालनेमि’ चलाने के निर्देश के बाद पुलिस भी सक्रियता से कार्य कर रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर ऑपरेशन कालनेमि शुरू हुआ.ऑपरेशन कालनेमि धार्मिक ढोंगियों के खिलाफ लगातार चलाया जा रहा है.