27 जुलाई को हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर पर हुई भगदड़ के बाद राज्य सरकार एक्शन में है. हर दिन राज्य की धामी सरकार बैठकें कर मंदिरों के लिए नए दिशा निर्देश जारी कर रही है. सरकार इस बात को बखूबी जानती है कि उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को अगर नुकसान हुआ तो राज्य की आर्थिकी पर इसका बड़ा असर पड़ेगा. यही कारण है कि धामी सरकार मनसा देवी मंदिर हादसे को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के सभी मंदिरों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार कर रही है. इस मास्टर प्लान में प्रदेश के सभी भीड़भाड़ वाले मंदिरों को रखा जाएगा. साथ ही मंदिरों में विशेष दिनों से लिए भी खास प्रावधान धामी सरकार करने जा रही है.
राज्य सरकार उत्तराखंड के प्रमुख मंदिरों के लिए एक मास्टर प्लान लागू कर रही है. इस प्लान में हरिद्वार के मनसा देवी, चंडी देवी मंदिर तो होंगे ही साथ-साथ हर की पैड़ी, कैंची धाम, जागेश्वर मंदिर, श्रीनगर धारी देवी मंदिर और गढ़वाल कुमाऊं के वे सभी मंदिर भी शामिल किए जाएंगे जहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. इस मास्टर प्लान में भीड़ को नियंत्रित करने के साथ-साथ सुरक्षा संबंधित व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा. साथ ही कई तरह की नई व्यवस्थाओं को मंदिरों में लागू किया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपर मुख्य सचिव आरके सुधांशु को सभी जिलाधिकारियों को इससे संबंधित निर्देश देने के लिए कहा है.
उत्तराखंड में हरिद्वार एक ऐसा जिला है जहां पर साल भर में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. लिहाजा हरिद्वार के हर की पैड़ी, मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर में सरकार कई सुविधाओं को बढ़ाने जा रही है. सुरक्षा के लिहाज से एक सीओ स्तर का अधिकारी मंदिर में हमेशा तैनात रहेगा. मंदिर में आने का रास्ता अलग और जाने का रास्ता अलग निश्चित होगा. मुख्य पर्वों पर मंदिरों में दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी लागू की जा सकती है. यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन होगा यह अभी तय नहीं हुआ है. इसके साथ ही मंदिर की केयरिंग कैपेसिटी के अनुसार ही श्रद्धालुओं को अंदर जाने की इजाजत मिलेगी. मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर पहाड़ी पर स्थित हैं. ऐसे में पहाड़ी पर किसी तरह का दबाव न हो इसको देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है.
हरिद्वार मनसा देवी में हुई भगदड़ की घटना ने न केवल सरकार की तैयारी को और मजबूत किया है बल्कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं के आने-जाने रुकने और दर्शन के तरीके को भी बदल दिया है. राज्य सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में कई बदलाव मंदिरों में किये जाएंगे. यह बदलाव भक्तों की सुरक्षा के लिए किया जा रहे हैं.
बता दें हरिद्वार मनसा देवी भगदड़ में 27 जुलाई को नौ लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से अधिक लोग इस घटना में घायल हो गए थे. इस घटना के बाद से ही राज्य की धामी सरकार एक्शन में है. भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए धामी सरकार ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. जिसे प्रदेश के मंदिर में लागू किये जाने की तैयारी है.