चारधाम यात्रा और पर्यटन सीजन को देखते हुए पुलिस सड़क किनारे (नो-पार्किंग जोन) में खड़े होने वाले वाहनों पर कार्रवाई तेज करेगी। टोइंग की कार्रवाई के लिए दोबारा पीपीडी मोड पर नौ क्रेन ली जा रही हैं। इनके जरिये दून के साथ ही ऋषिकेश और मसूरी में भी कार्रवाई की जाएगी।दरअसल, चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले दून-मसूरी और ऋषिकेश में वाहनों का दबाव बढ़ गया है। इस कारण जगह-जगह लगते लंबे जाम से लोगों के पसीने छूट रहे हैं। पुलिस का मानना है कि सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े होने वाले वाहन भी ट्रैफिक जाम का प्रमुख कारण हैं।
ऐसे वाहनों के खिलाफ पिछले डेढ़ साल से टोइंग की कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए पुलिस ने पीपीपी मोड पर क्रेन ली थी, जिनका अनुबंध समाप्त हो चुका है। अब सीजन को देखते हुए पुलिस ने दोबारा पीपीपी मोड पर क्रेन लेने की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे क्रेन ऑपरेटर, जो अपनी क्रेन पीपीपी मोड पर देना चाहते हैं, पुलिस ने उनसे दो सप्ताह में निविदा कोटेशन मांगी है।अब महंगा पड़ेगा वाहन को छुड़ाना यदि पुलिस आपके वाहन की टोइंग करती है तो उसे छुड़ाना महंगा पड़ेगा। चौपहिया वाहन को छुड़ाने के लिए आपको 1200 रुपये देने होंगे। 700 रुपये टोइंग और 500 रुपये चालान शुल्क होगा। इसके साथ ही दोपहिया को छुड़ाने के लिए 500 रुपये चालान और 250 रुपये टोइंग का शुल्क देना होगा।
देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। मसूरी में हुए कार हादसे के बाद परिवहन विभाग ने ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। देहरादून संभाग में दो दिवसीय चेकिंग अभियान के तहत विभाग की टीमों 872 वाहनों के चालान किए हैं और 49 वाहन सीज किए हैं।आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि अभियान के दौरान ओवरस्पीड, ओवरलोड, वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करने, नशे का सेवन कर वाहन चलाने, हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं लगाने पर कार्रवाई की गई। यह कार्रवाई देहरादून के साथ ही टिहरी, उत्तरकाशी और हरिद्वार जनपद में भी की गई। देहरादून में अभियान एआरटीओ राजेंद्र विराटिया, हरिद्वार में एआरटीओ रश्मि पंत, रुड़की में एआरटीओ कुलवंत चौहान के नेतृत्व में चलाया गया।