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उत्तराखंड में वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर वोटिंग का दूसरा चरण 10 अप्रैल से शुरू होगा। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 12,892 वृद्ध-दिव्यांग मतदाताओं ने घर से मतदान का आवेदन किया है।
इसकी सूचना अखबार और टेलीविजन के माध्यम से दी जाएगी। प्रत्याशियों के साथ बैठक करते हुए उन तक रूट चार्ट, मतदान की तिथियां और वृद्ध एवं दिव्यांग मतदाताओं की वैध सूची तैयार करते हुए प्रत्याशियों को उपलब्ध करा दिया गया है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोगदंडे ने बताया, 2022 में विधानसभा चुनाव में राज्य में 13,732 वृद्ध मतदाताओं और 2162 दिव्यांग मतदाताओं ने घर पर मतदान की सुविधा का प्रयोग किया था। निर्वाचन आयोग ने सक्षम एप की सुविधा दिव्यांग मतदाताओं को दी है। राज्य में 33,111 दिव्यांग मतदाताओं ने सक्षम एप को डाउनलोड किया है। इस एप के माध्यम में दिव्यांग मतदाता अपनी आवश्यकताओं के बारे में सहायता मांग सकते हैं। सक्षम एप के माध्यम से अभी तक 1537 मतदाताओं ने व्हील चेयर, 2221 मतदाताओं ने डोली और 10,839 मतदाताओं ने स्वयंसेवकों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है। दिव्यांग मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में 70 विधानसभाओं में मॉडल पीडब्ल्यूडी पोलिंग बूथ बनाने का निर्णय लिया गया है। ये पोलिंग बूथ ऐसी जगह स्थापित किए जाएंगे, जहां एश्योर्ड मिनिमम फैसिलिटी उपलब्ध हो। इन बूथों में सभी कार्मिक दिव्यांग श्रेणी के हैं। उनके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर पर्याप्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। उनकी सहायता के लिए वाहन व्यवस्था और रहने के लिए उचित व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं।
वोटर कार्ड के अलावा इनसे भी डाल सकेंगे वोट
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, मतदान के लिए यदि किसी व्यक्ति के पास वोटर कार्ड नहीं है तो 12 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों से वोट डाल सकते हैं। इसमें आधार कार्ड, बैंकों, डाकघरों से जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, एनपीआर कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचानपत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचानपत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड शामिल हैं।