देहरादून में उफनती रिस्पना नदी में शुक्रवार को दो बच्चे बह गए। एक बच्चे को तो पास में खड़े लोगों ने बचा लिया, जबकि दूसरा लापता है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम बच्चे की तलाश में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि आठ वर्षीय इब्राहिम पुत्र शमशाद जैन प्लॉट में अपने परिवार के साथ रह रहा था। शुक्रवार को वह दादा के यहां संजय कॉलोनी आया हुआ था। तेज बारिश के दौरान दोपहर बाद साढ़े तीन बजे कुछ बच्चे रिस्पना नदी के किनारे पुश्ते पर खड़े होकर नदी में बहकर आ रहे सामान को निकाल रहे थे।
इस दौरान इब्राहिम पुत्र शमशाद नदी में बहकर आ रही गेंद को निकालने लगा। तभी उसका पांव फिसल गया और वह उफनती नदी में बहता चला गया। देर शाम तक उसका कोई पता नहीं चल सका। उधर, एक और बच्चा अरशद पुत्र असलम भी पानी में बहने लगा, लेकिन पास ही खड़े लोगों ने उसे बचा लिया।
भारी बारिश से आफत, रिस्पना में बहे बच्चे की तलाश
देहरादून शहर के विभिन्न इलाकों में शुक्रवार को तेज बारिश हुई। इससे दून अस्पताल के बाहर, नगर निगम के आसपास, डीएल रोड, राजपुर रोड समेत विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव हुआ। ड्रेनेज सिस्टम फेल होने से कई जगह सड़कें जलमग्न हो गई। इस दौरान वाहन चालकों और राहगीरों को दिक्कतें हुई। उधर, रिस्पना में बहे बच्चे की तलाश देर शाम तक जारी रही।
दोपहर करीब तीन बजे के आसपास दून शहर में तेज बारिश हुई। महज एक घंटे की बारिश से डीबीएस कॉलेज के बाहर, डालनवाला, प्रिंस चौक, लौंसडोन चौक, दून अस्पताल चौक, तहसील चौक, चकराता रोड, मोहिनी रोड, रिस्पना पुल समेत कई इलाकों में जलभराव की स्थिति देखने को मिली। वहीं नगर आयुक्त गौरव कुमार ने आपदा कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।
रिस्पना और बिंदाल के किनारे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं
देहरादून शहर में रिस्पना और बिंदाल के किनारे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कहीं पुश्ते क्षतिग्रस्त हैं तो कुछ जगह जाल नहीं लगे हैं। ऐसे में आपदा प्रभावित इलाकों में यह लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। जनप्रतिनिधि संबंधित विभागों से समय समय पर ठोस कदम उठाने की मांग करते आ रहे हैं।
रिस्पना के तेज बहाव में किसी बच्चे के बहने का यह पहला मामला नहीं है। हाल ही बिंदाल नदी में एक लड़की बह गई थी। इसके अलावा नदी किनारे बड़ी संख्या में लोग बसे हैं। खासतौर से बस्तियों के लोगों के लिए तेज बारिश के दौरान नदी नालों का जलस्तर बढ़ने से जान माल के नुकसान का खतरा बना रहता है। पुलिस और प्रशासन के स्तर से हालांकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया जाता है। लेकिन बड़ी समस्या यह है कि हजारों की आबादी को शिफ्ट कहां करें। वहीं रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे अवैध निर्माण पर रोक नहीं लग पाने से यह समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है।