चंपावत में घूस लेते हुए पकड़े गए वन कर्मियों को वन विभाग ने सस्पेंड कर दिया है. हालांकि, विजिलेंस की कार्रवाई के बाद दोनों ही वनकर्मियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी, लेकिन अब चंपावत के डीएफओ ने इन दोनों ही कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश भी जारी कर दिया है.
चंपावत में विजिलेंस की कार्रवाई के दौरान दो वन कर्मियों के घूस लेते पकड़े जाने की खबर के बाद वन विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई. इन दोनों ही वन कर्मियों को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था. उधर, इस घटना के बाद वन विभाग में ये खबर चंपावत से लेकर मुख्यालय तक सुर्खियों में रही.

मामला चंपावत में चेक पोस्ट से लकड़ी पास करने के लिए रिश्वत लेने से जुड़ा था. जिस पर शिकायत होने के बाद विजिलेंस ने इन दोनों ही वन कर्मियों को ट्रैप किया था. विजिलेंस की कार्रवाई के बाद वन विभाग के अंतर्गत यह मामला खूब चर्चाओं में रहा.
दरअसल, चंपावत के ही एक व्यक्ति ने विजिलेंस को वन कर्मियों की ओर से रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि गौशाला के निर्माण के लिए जंगल से टूटी हुई लकड़ी लेने के एवज में उसे रिश्वत मांगी जा रही थी.
वहीं, दोनों फॉरेस्ट गार्ड की शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की टीम जाल बिछाया. जिसके बाद दोनों को रंगे हाथों 20 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया. शिकायत थी कि ये दोनों ही वनकर्मी चेक पोस्ट से लकड़ी पास करने के नाम पर 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे. जिसमें 20 हजार की रिश्वत पर सहमति बनी थी.
वन कर्मियों के पकड़े जाने के बाद क्षेत्रीय रेंजर ने इन दोनों ही वन कर्मियों के निलंबन के लिए पत्र डीएफओ को लिखा. इसके बाद डीएफओ ने इन दोनों ही फॉरेस्ट गार्ड को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इसको लेकर विजिलेंस की टीम ने काफी दिनों तक होमवर्क किया और शिकायतकर्ता के साथ मिलकर फॉरेस्ट गार्ड को ट्रैप किया.
