लोकसभा चुनाव में इस बार उत्तराखंड राज्य का मत प्रतिशत काफी नीचे आया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी राज्यवार आंकड़ों में देश मे उत्तराखंड 33वें स्थान पर आया है। पिछले चुनाव में मत प्रतिशत ज्यादा होने की वजह से उत्तराखंड से नीचे करीब छह राज्य थे, इस बार केवल तीन राज्य हैं।उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने इस बार 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखा था। इसके लिए जहां कम मत प्रतिशत वाले बूथों पर जागरूकता के लिए अलग से कवायद की गई थी, तो सोशल मीडिया के माध्यम से भी जागरूकता को बढ़ावा दिया गया था। मुख्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से सभी विभागों के कर्मचारियों को शत-प्रतिशत मतदान के लिए निर्देशित किया गया।
85 से अधिक आयु वाले मतदाताओं व दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा दी गई। महिलाओं को विशेष सुविधाएं मिली। इन सबके बावजूद मत प्रतिशत गिर गया। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों का विश्लेषण करें तो साफ हो रहा कि 36 राज्यों में से उत्तराखंड 57.22 प्रतिशत मतों के साथ 33वें पायदान पर है।पिछले चुनाव में 30वें पायदान पर था। 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य का मत प्रतिशत 61.88 था जो इस बार गिर गया। हिमाचल में इस बार मतदान प्रतिशत 70.90 प्रतिशत रहा है। पिछले चुनाव में 72.42 प्रतिशत था।
मत प्रतिशत का राष्ट्रीय औसत घटा
देशभर में कम मतदान की चर्चाओं के बीच अहम तथ्य ये है कि 2019 के चुनाव के मुकाबले इस साल मतदान का राष्ट्रीय औसत भी गिर गया है। 2019 में राष्ट्रीय औसत 67.4 था जो इस बार गिरकर 65.79 प्रतिशत पर आ गया है।
लक्षद्वीप में सबसे ज्यादा, बिहार में सबसे कम मतदान
राज्यवार देखें तो 84.16 प्रतिशत के साथ लक्षद्वीप मतदान में पहले स्थान पर रहा, जबकि 56.19 प्रतिशत के साथ बिहार सबसे नीचे रहा। हिमाचल प्रदेश की तुलना में उत्तराखंड इस बार भी फिसड्डी रहा।
11 हिमालयी राज्यों में 10वां स्थान
11 हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड 10वें स्थान पर है। 81.56 प्रतिशत के साथ असम पहले, 80.93 प्रतिशत के साथ त्रिपुरा दूसरे, 79.88 प्रतिशत के साथ सिक्किम तीसरे, 78.19 के साथ मणिपुर चौथे, 77.68 प्रतिशत के साथ अरुणाचल प्रदेश पांचवें, 76.60 प्रतिशत के साथ मेघालय छठे, 70.90 के साथ हिमाचल सातवें, 58.58 प्रतिशत के साथ जम्मू कश्मीर आठवें, 57.72 प्रतिशत के साथ नागालैंड नौंवें, 57.22 प्रतिशत के साथ उत्तराखंड 10वें और 56.87 प्रतिशत के साथ मिजोरम 11वें स्थान पर रहा।