विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के 1500 लोगों को विश्व हिंदू परिषद अपने खर्चे पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर दर्शन के लिए विशेष ट्रेन से लेकर जाएगी। यह ट्रेन 25 जनवरी को देहरादून से चलकर हरिद्वार, बरेली होते हुए 26 को अयोध्या पहुंचेगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पहले दर्शन श्रद्धालुओं को 27 जनवरी को होंगे।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के बाद श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति में भाग लेने वाले सेनानियों और उनके परिवार को श्रीराम लला के दर्शन कराए जाएंगे। सौभाग्य है कि सर्वप्रथम देवभूमि के लोगों को ही अवसर प्राप्त होगा। उत्तराखंड राज्य के पंद्रह सौ लोग 27 जनवरी को दर्शन करेंगे।
सोमवार को हरिद्वार में प्रेस वार्ता में आलोक कुमार ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के 16 हजार से अधिक ग्रामों के 20 लाख परिवारों में 1 से 15 जनवरी तक पहुंचकर संघ परिवार, अन्य सामाजिक संगठन इस भव्य आयोजन के साक्षी बनने का निमंत्रण देंगे। उत्तराखण्ड के प्रत्येक ग्राम, शहर, स्थान के मंदिरों में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के दिन भव्य आयोजन किए जाएंगे।
सभी मठ-मंदिर के पुजारियों से संपर्क स्थापित किया गया है। गंगा सभा हरिद्वार तीन दिवसीय विशेष गंगा आरती के साथ दीपोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन करेगी। उत्तराखंड में नानकमत्ता स्थित सिखों के पवित्र गुरुद्वारा में भव्य आयोजन किया जाएगा। उन्होंने अयोध्या के श्रीराम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव पर प्रत्येक सनातनी के घर, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, आश्रम, मंदिर तथा सार्वजनिक स्थलों पर दीपदान करने का आह्वान किया।
कुमार ने बताया कि 22 जनवरी को भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के दिन संपूर्ण विश्व के 5 लाख से अधिक मंदिरों में संपन्न होने वाले कार्यक्रमों के लिए हम 12.5 करोड़ों से अधिक परिवारों को श्रीराम जन्मभूमि में पूजित पीले अक्षत (चावल) देकर निमंत्रित करेंगे।