पर्यटन नगरी मसूरी में 25 जुलाई देर रात हुई मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया. शहर के पेट्रोल पंप के नीचे बसी गरीब बस्ती में नाले का पानी इस कदर भर आया कि वहां रहने वाले लोगों की नींद एक झटके में टूट गई. अफरातफरी में लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाने की जद्दोजहद में लगे रहे. वहीं एक परिवार का वर्षों से संजोया आशियाना देखते ही देखते मलबे में तब्दील हो गया.
घटना रात करीब 2 बजे की है. जब तेज गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हुई. पेट्रोल पंप के पास स्थित नाले के उफान पर आने से उसका गंदा पानी और भारी मलबा सीधे नीचे बसी बस्ती की ओर बहने लगा. पानी और मलबे की रफ्तार इतनी तेज थी कि एक घर की पिछली दीवार ढह गई और एक घर बुरी तरह प्रभावित हो गया. राहत की बात रही कि घर में सो रहे तीन छोटे बच्चे समय रहते मलबे की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए. पीड़ित परिवारों ने बताया कि अगर हम एक मिनट और देर कर देते, तो पता नहीं क्या हो जाता. इस आपदा में कई लोगों के घरों में बिस्तर, कपड़े, खाने-पीने का सामान और बच्चों की किताबें सबकुछ मलबे में दब गया.
घटना की जानकारी मिलते ही नगर पालिका अध्यक्ष मीरा सकलानी और भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, स्थानीय प्रशासन के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे. उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर जरूरी मदद दिलाने का आश्वासन दिया.
भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को भी घटना की जानकारी दी गई है. उन्होंने प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है. प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि बंद पड़े नालों को तुरंत खोला जाए और भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए पुख्ता योजना तैयार की जाए.
गौर है कि उत्तराखंड के कई इलाकों में शुक्रवार रात भारी बारिश हुई. बारिश का सबसे ज्यादा असर रुद्रप्रयाग जिले में देखने को मिला. जहां तीन गांव प्रभावित हुए. जबकि मलबा आने से कई मार्ग बंद हो गए.