लोकसभा चुनाव खत्म होते ही उत्तराखंड वासियों को बिजली ने महंगाई को एक और झटका लगा है। ऊर्जा निगम ने जून महीने के लिए फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट की दरों का ऐलान कर दिया है। जून महीने के लिए बिजली दरों में 12 पैसे से लेकर 45 पैसे प्रति यूनिट तक का इजाफा किया गया है। ऊर्जा निगम की ओर से उपभोक्ताओं को लगातार 11 महीने से बिजली के बिलों में झटके दिए जा रहे हैं।
नवंबर 2023 को छोड़ दिया जाए, तो अगस्त 2023 से लेकर अभी तक हर महीने बिजली की दरों में इजाफा हो रहा है। फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट के नाम पर हर माह बिजली दरें तय किए जाने का अधिकार मिलने के बाद से ऊर्जा निगम लगातार बिजली उपभोक्ताओं पर भार डाल रहा है। हर माह की महंगी बिजली खरीद का बोझ आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
जून महीने में बीपीएल उपभोक्ताओं को 12 पैसे, घरेलू उपभोक्ताओं को 31 पैसे, कॉमर्शियल को 45, सरकारी संस्थानों को 42 पैसे, प्राइवेट ट्यूबवेल के लिए 14 पैसे, कृषि गतिविधियों को 19 पैसे, एलटी, एचटी उद्योगों के लिए 42 पैसे और मिक्स्ड लोड वाले कनेक्शन की बिजली की दरें 39 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाई गई हैं। जबकि, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के लिए दरों में 37 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा हुआ है। इधर, मुख्य अभियंता (कॉमर्शियल) जसवंत सिंह की ओर से फ्यूल एंड पावर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट की दरों को जारी किया गया।
उत्तराखंड में इस समय बिजली की मांग अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची हुई है। इस डिमांड को पूरा करने में ऊर्जा निगम के पसीने छूट जा रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार की ओर से एक मिनट की भी बिजली कटौती नहीं किए जाने का दबाव अलग से है। ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए ऊर्जा निगम फॉल्ट के नाम पर घंटों बिजली की कटौती कर रहा है। कहीं फॉल्ट के नाम पर कटौती हो रही है तो कहीं पर सब स्टेशनों पर ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ने के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है।