देवभूमि उत्तराखंड में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे भाजपा ने मनोरथ कामना के लिए शक्ति की आराधना पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।
चुनावी वैतरणी पार लगाने के दृष्टिगत पार्टी ने शक्ति यानी मातृशक्ति की आराधना के लिए महिला मोर्चा के साथ ही महिला विधायकों, वरिष्ठ नेताओं और पंचायत और निकायों की जनप्रतिनिधियों को मोर्चे पर लगाया है।
उत्तराखंड राज्य के गठन मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान
पार्टी का प्रयास है कि येन-केन-प्रकारेण मातृशक्ति को अपने पक्ष में किया जाए। यह किसी से छिपा नहीं है कि उत्तराखंड राज्य के गठन और फिर इसके विकास में यहां की मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसे देखते हुए सरकारों ने भी महिला उत्थान की नीतियों पर ध्यान केंद्रित किया।
यही नहीं, लोकतंत्र के प्रत्येक महोत्सव में मातृशक्ति अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करती आई है। पिछले चुनावों को देखें तो महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से कहीं अधिक है। ऐसे में राज्य में कोई भी दल महिलाओं की अनदेखी नहीं कर सकता। अब जबकि अवसर लोकसभा चुनाव का है तो भाजपा ने भी महिला मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है।
पार्टी ने भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल की पूरी टीम को इस कार्य में लगाया हुआ है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव दीप्ति रावत भी निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर महिलाओं से संपर्क साध रही हैं। महिला मोर्चा की बूथ स्तर तक की सभी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में प्रत्येक महिला मतदाता से संपर्क करना सुनिश्चित करें।
इसके साथ ही पार्टी की महिला विधायकों की छोटी-छोटी सभाएं और जनसंपर्क के कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक की प्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय नगर निकायों की निवर्तमान पदाधिकारी भी मोर्चे पर लगाई गई हैं। इस अभियान के दौरान महिलाओं को केंद्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं की जानकारी पार्टी नेता दे रही हैं।
पिछले लोकसभा चुनावों में महिलाओं का मत प्रतिशत
- वर्ष, महिला, पुरुष
- 2019, 64.37, 58.87
- 2014, 63.05, 61.34