उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आचार संहिता हटते ही भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव को लेकर मंथन शुरू हो गया. इसे लेकर सचिवालय में सिविल सर्विस बोर्ड की शुक्रवार को बैठक आहूत की गई. जिसमें सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक में विभिन्न जिम्मेदारियां को लेकर अधिकारियों के नाम पर चर्चा भी हुई. जिसके बाद इन नामों पर अंतिम मुहर भी लगाई गई है.
सचिवालय में मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक की गई. इसमें प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक हॉफ समीर सिन्हा मौजूद रहे. खास बात यह थी कि भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की जिम्मेदारी में होने वाले इस बदलाव की प्रस्तावित सूची सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक में रखी गई.जिस पर अंतिम मुहर भी लग गई है.
प्रमुख वन संरक्षक हॉफ समीर सिन्हा की पसंद को इस बार तबादला सूची में विशेष रूप से वरीयता दिए जाने की खबर है. इस बार यह कोशिश की जा रही है की प्रमुख वन संरक्षक हॉफ को अपनी टीम चुनने का मौका मिले. जिससे राज्य में विभिन्न योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और दूसरे विभिन्न कार्यों को बेहतर तरीके से करने के लिए एक टीम के रूप में काम कर सके.
तबादला सूची में इस बार प्रमुख वन संरक्षक पद से लेकर प्रभागीय वनाधिकारी स्तर तक के अफसरों पर बदलाव किया जाना है. जाहिर है कि बड़े अफसर से लेकर नए आईएफएस अधिकारियों को जिम्मेदारी दिए जाने के चलते इस बार यह सूची लंबी रहने वाली है.
तबादला सूची में डबल और ट्रिपल चार्ज वाले अधिकारियों को हल्का किए जाने की खबर है. सामान्य रूप से देखे तो वन विकास निगम के लिए सीनियर आईएफएस अधिकारी को इस सूची में जिम्मेदारी दी जानी है. जानकारी है कि कैंपा की बेहद अहम जिम्मेदारी भी किसी सीनियर अफसर को दी जा सकती है. उधर दूसरी तरफ प्रतिनियुक्ति से वापस लौटी नीना ग्रेवाल भी विभाग में जिम्मेदारी के लिए इंतजार कर रही हैं. इस सूची में उन्हें भी अहम जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है.
वन विभाग में कंजरवेटर ऑफ़ फारेस्ट (CF) स्तर के कुछ अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव की उम्मीद है. इस सूची में नंदा देवी बायोस्फीयर की अहम जिम्मेदारी पर भी मंथन होने की खबर है. इसके अलावा कुमाऊं की भी कुछ खास पोस्टिंग CSB में चर्चा के लिए रहने की खबर है. जानकारी है कि कुछ प्रभागो में भी बदलाव होने पर मंथन हुआ है. इसके अलावा तीन प्रशिक्षु IFS अफसर भी विभाग को मिले हैं. लिहाजा उन्हें भी तैनाती दिए जाने पर निर्णय होना संभव है.