लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले ही टिहरी, नैनीताल और अल्मोड़ा सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा कर भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है। इधर, कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक छह मार्च को होनी है।
कांग्रेस के कई नेता इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। इसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति के जरिए टिकट फाइनल होने हैं। ऐसे में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा में अभी समय लगने की संभावना जताई जा रही है।
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिहरी से प्रीतम सिंह, अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा और नैनीताल से हरीश रावत को प्रत्याशी बनाया था। इस बार अल्मोड़ा में प्रदीप टम्टा की दावेदारी को छोड़कर शेष दो सीटों पर स्थिति बदली हुई है।
कथित तौर पर टिहरी से प्रीतम सिंह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और हरिद्वार में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी बहुत रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इस कारण इन सीटों पर चेहरों को लेकर कांग्रेस में असमंजस बना हुआ है।
कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक छह मार्च को होनी है, जिसमें प्रत्याशियों का पैनल फाइनल होने की उम्मीद है। इसे केंद्रीय चुनाव समिति के सामने रखा जाएगा, जहां से अंतिम तौर पर नाम घोषित किए जाएंगे।
‘ना-ना’ करते नेताओं से पार्टी को ‘हां’ की आस
इस बार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं द्वारा लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताए जाने से भी पार्टी में टिकटों का मंथन अतिरिक्त समय ले सकता है। पिछली बार भी कांग्रेस नामांकन से एक दिन पहले ही प्रत्याशियों की घोषणा कर पाई थी।
पार्टी की तैयारियों को देखतेहुए उक्त क्रम इस बार भी जारी रहने के आसार हैं। वैसे कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व में भी ना-ना करते बाद में हां कर चुके हैं। पूर्व में नेता चुनाव नहीं लड़ने की बात करते रहे, लेकिन बाद में हाईकमान के निर्देश पर उन्हें चुनावी मैदान में उतरना पड़ा।
भाजपा ने निष्क्रिय सांसदों को दिया टिकट कांग्रेस
कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने रविवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा पांच साल तक लापता रहने वाले तीन सांसदों को फिर से टिकट दे दिया है। उन्होंने कहा, भाजपा के तीनों प्रत्याशियों को अपने गोद लिए हुए गांवों का भी विवरण देना चाहिए।
साथ ही अंकिता हत्याकांड, अग्निवीर, जोशीमठ आपदा, भू-कानून जैसे अहम मुद्दों पर भी पांच साल चुप्पी साधने का भी जवाब देना होगा। उन्होंने कहा, भाजपा के पांचों सांसदों ने पिछला चुनाव जीतने के बाद प्रदेश से मुंह मोड़ने का काम किया। इस कारण इस बार जनता इन्हें बेरुखी पर सबक सिखाएगी।