भूमि फर्जीवाड़ा (Land fraud) रोकने और आमजनता को भूमि खरीदने-बेचने में फर्जीवाड़े से बचाने के लिए राज्य का प्रथम डेडिकेटेड ई-कम्प्यूटर कियोस्क की शुरुआत हो गई है. बुधवार को देहरादून कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रजिस्ट्री ऑफिस के पास बने राज्य के प्रथम डेडिकेटेड ई-कियोस्क ‘सचेतक’ का उद्घाटन जिलाधिकारी ने किया है. अब जनता को क्लेक्ट्रेट परिसर में स्थापित कियोस्क से निशुल्क और पुख्ता जानकारी मिलेगी. इससे भूमि खरीदने-बेचने से पहले खतौनी, चौहदवी, जियो लोकेशन और भूमि के वास्तविक स्वामी की जांच की सुविधा मिलेगी.
बता दें कि जनता दरबार, बहुउद्देशीय शिविर और अन्य माध्यमों से भूमि धोखाधड़ी की अधिकांश शिकायतें और मामले सामने आ रहे थे. इसका मुख्य कारण भूमि खरीदने वाले लोगों को भूमि के संबंध में पहले से जानकारी नहीं रहना है. खरीददार को पता नहीं होता कि उस भूमि का असली मालिक कौन है. परिसंपत्तियों के रिकॉर्ड के लिए राज्य में एक पोर्टल बना है. इस पोर्टल में भूमि संबंधी पूरी जानकारी रहती है.
आम लोगों को ई-रजिस्ट्रेशन पोर्टल में एक्सेस करने के लिए साधन, सुविधा की कमी रहती है. इसके लिए रजिस्ट्रार और स्टॉप रजिस्ट्रेशन अधिकारियों के साथ इसकी समीक्षा की गई. इसके लिए एक डेडिकेटेड कियोस्क तैयार किया गया है. भूमि रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस जाने से पहले भूमि खरीदने वाले बायर्स निशुल्क इस कियोस्क में भूमि की पुष्टि कर सकते हैं.
डीएम सविन बंसल ने बताया कि जनता को जागरूक करने के लिए कलेक्ट्रेट में अलग-अलग स्थानों पर जागरूकता स्लोगन वाले फ्लैक्सी भी लगाए गए हैं. इससे जनता भूमि खरीदने बेचने से पहले जानकारी प्राप्त कर सकती है.