Friday, January 17, 2025
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पुष्कर सिंह धामी सरकार पर पूर्व सीएम हरीश रावत जमकर बरसे, विधानसभा सत्र को लेकर कहीं ये बातें

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधानसभा सत्र को लेकर पुष्कर सिंह धामी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति में पक्ष और विपक्ष मिलकर तय करते हैं कि विधानसभा सत्र कितने दिन चलेगा। सरकार ने ऐसी कोई मंत्रणा नहीं कर तीन दिन का सत्र रखकर विधानसभा की गरिमा को कम किया है।

हरीश रावत सोमवार को हल्द्वानी स्थित स्वराज आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के संवाद कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। स्वराज आश्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, विधायक सुमित हृदयेश, पूर्व काबीना मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल ने सभी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से भेंट की।

इस दौरान पूर्व सीएम रावत ने कहा कि एक दिन का सत्र तो केवल राज्य में आई आपदा पर चलना चाहिए था, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। संवाद कार्यक्रम में बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मिली जीत पर सभी को बधाई दी और निकाय चुनाव पूरी मजबूती से लड़ने का आह्वान किया।

इस मौके पर जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, गोविंद बिष्ट, सुहैल सिद्दीकी, हरेन्द्र बोरा, ललित जोशी, केदार पलड़िया, हेमवत्ती नंदन बहुगुणा, सतीश नैनवाल, राजेन्द्र सिंह बिष्ट रज्जी, जया कर्नाटक, नरेश अग्रवाल, हेमेश खर्कवाल, शशिवर्मा, विमला संगुड़ी, रत्ना श्रीवास्तव, कम्मो रानी, भोला भट्ट, कौशलेन्द्र भट्ट, खजान पांडे, कैलाश साह आदि मौजूद रहे।

तीर्थ पुरोहितों ने किया स्वागत

देहरादून। दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट की ओर से केदारनाथ मंदिर का निर्माण रोकने और ट्रस्ट को भंग किए जाने की पहल का उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत ने स्वागत किया। महापंचायत ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से बनाए गए दबाव और सक्रियता को इसका श्रेय दिया।

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल और महासचिव बृजेश सती ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सीएम धामी के कड़े रुख के बाद केदारनाथ धाम मंदिर ट्रस्ट दिल्ली ने मंदिर निर्माण न किए जाने का निर्णय लिया। उत्तराखंड स्थित चार धामों के नाम का दुरुपयोग रोकने को धामी कैबिनेट ने सख्त कानून बनाया। महापंचायत इसका भी स्वागत करती है।

निकाय चुनाव से बच रही भाजपा

पूर्व सीएम रावत ने कहा कि निकाय चुनाव में हार के डर से भाजपा चुनाव बार बार टाल रही है। उन्होंने कहा कि निकायों में अधिकारियों को तैनात कर नियमों का उल्लंघन कर रही है। जनता इसका जवाब चुनाव में देगी।

तो गैरसैंण स्थाई राजधानी होती…

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने गैरसैंण में टेंट लगाकर राजधानी की शुरुआत की थी। जितना समय जनता ने दिया उसमें कांग्रेस ने गैरसैंण में राजधानी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए। उनकी सरकार को गिराया नहीं गया होता तो आज गैरसैंण उत्तराखंड की स्थाई राजधानी होती।

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