पक्ष और विपक्ष के नेताओं में बयानबाजी आम बात है। आजकल सोशल मीडिया पर बहस होना भी आम बात है। एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच वाक युद्ध छिड़ गया है। मनवीर चौहान और गरिमा दसौनी में छिड़े फेसबुक युद्ध की चर्चाएं हो रही हैं।
मनवीर चौहान और गरिमा दसौनी में छिड़ा फेसबुक युद्ध
गरिमा दसौनी ने अपने सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर एक पोस्ट शेयर कर कहा है कि “माननीय हरीश रावत जी की पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का एक कमेंट पढ़ा और मेरे लिए चौहान का रावत जी पर परिवारवाद को लेकर वह कमेंट कोई नई बात नहीं थी। पर आज मैं पूरे उत्तराखंड से पूछना चाहती हूं क्या सिर्फ हरीश रावत जी का परिवार राजनीति में है विजय बहुगुणा और भुवन चंद खंडूरी के परिवार पर नजर घुमाई कभी आप लोगों ने ? इस उत्तराखंड ने पहले विजय बहुगुणा और जैसे नाकाम मुख्यमंत्री को झेला, उत्तर प्रदेश ने उनकी बहन रीता बहुगुणा जोशी को फिर उन्होंने बहुत ज्यादा मशक्कत करी अपने बड़े बेटे साकेत बहुगुणा को राजनीति में सेट करने की,बेटा फेल हो गया तो भाजपा में चल दिए छोटे बेटे के भविष्य के लिए, छोटा बेटा सौरभ बहुगुणा आज कहां है और कितना काबिल है उस पर कभी और बात करेंगे।
अब बात करते हैं भुवन चंद खंडूरी की, हमने भूवनचंद खंडूरी को भी एक मुख्यमंत्री के रूप में देखा आज उनकी बिटिया विधानसभा अध्यक्ष है और बेटा भी भाजपा में शामिल हो चुका है। मैं उत्तराखंड की सम्मानित जनता से आज पूछना चाहती हूं की हरीश रावत जी का अपराध क्या सिर्फ इतना है कि वह लगातार मुद्दे उठाने की वजह से अपनी सक्रियता की वजह से कटघरे में खड़े किए जाएंगे? गणेश जोशी की बेटी नेहा जोशी राजनीति करती है तो कोई दिक्कत नहीं?
मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी मधु चौहान राजनीति करती है कोई दिक्कत नहीं ? स्व. सुरेंद्र जीना का भाई महेश जीना, स्व०हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर उनका बेटा अमित कपूर ,स्वर्गीय प्रकाश पंत की पत्नी चन्द्रा पंत, थराली के दिवंगत विधायक की पत्नी मुन्नी देवी , स्व ०चंदन रामदास की पत्नी पार्वती देवी, बंशीधर भगत का बेटा विकास भगत, विश्वास डाबर और उनकी बहन गीता खन्ना,अनुकृति गोसाई?? यह सब भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं तो मैं आज आप लोगों से जानना चाहती हूं क्योंकि मैंने आज तक किसी को भी भाजपा के नेताओं को परिवारवाद पर घेरते हुए नहीं देखा! वह भाजपा जो परिवारवाद की सबसे बड़ी विरोधी है उसके इतने सारे उदाहरण तो मैंने यहां आपको उत्तराखंड में दे दिए अगर जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक शुरू करूंगी तो शायद आप गिनती भूल जाएंगे इसलिए साथियों कुछ लोगों के हाथी के दांत दिखाने के और होते हैं और खाने के और भेड़ चाल में शामिल न होए।”
बात निकली है तो दूर तलक जाएगी
गरिमा दौसनी ने कहा है कि किसी को टिकट दिलाने तक तो रिश्तेदार शामिल हो सकता है। लेकिन चुनाव तो जनता जनार्दन जीताती है ये याद रखिएगा। हमारा विमर्श ये नहीं होना चाहिए कि कौन किसके परिवार से है विमर्श इस बात पर होना चाहिए कि वो व्यक्ति काबिल निकला या ना काबिल?
इसके साथ ही उन्होंने एक फोचो शेयर किया है। फोटो के लिए उन्होंने अपने पोस्ट में नोट लिखा है कि “इस फोटो में जो व्यक्ति अपनी गर्दन फंसा रहा है उसी ने इस विमर्श में भी अपनी गर्दन फंसा दी”। इसके बाद उन्होंने लिखा है कि बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी।