भारत-पाकिस्तान युद्ध में साथियों के चिथड़े उड़ते देखे…अस्पताल में पता चला 18 शहीद – ETV Uttarakhand
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भारत-पाकिस्तान युद्ध में साथियों के चिथड़े उड़ते देखे…अस्पताल में पता चला 18 शहीद

कारगिल युद्ध में वीरता दिखाने वाले काशीपुर के हवलदार विनोद नेगी (अब सेवानिवृत्त) को जंग के वह दिन आज भी अच्छी तरह याद हैं। उनकी बटालियन कारगिल के द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पहाड़ी पर चढ़ाई कर रही थी। तभी ऊपर मौजूद दुश्मन ने गोलाबारी के साथ हैंड ग्रेनेड से हमला शुरू कर दिया।इस दौरान उन्होंने अपने साथियों के चिथड़े उड़ते देखे। खुद भी गंभीर रूप से घायल हो गए। विनोद नेगी को एयरलिफ्ट कर दिल्ली बेस अस्पताल लाया गया। जहां उन्हें पता चला कि उस हमले में 18 साथियों की शहादत हो गई है।

युद्ध के पलों को याद करते हुए विनोद नेगी बताते हैं, श्रीनगर में तैनात उनकी बटालियन को तोलोलिंग पहाड़ी से दुश्मनों को खदेड़ने का टास्क मिला था। बटालियन में शामिल 80 से अधिक सैनिक एक साथ एकत्र हुए और कर्नल एसके चक्रवती के नेतृत्व में टास्क पूरा करने का जज्बा लिए गाड़ियों में सवार होकर निकल पड़े।

बेस कैंप पहुंचने के बाद उन्हें बर्फ के बीच खड़ी पहाड़ी पर चढ़ाई करनी थी। उनकी बटालियन ने जैसे ही चढ़ाई शुरू की, कुछ दूर चलते ही ऊपर से दुश्मनों ने गोलाबारी शुरू कर दी। सैनिक गोलाबारी के बीच पहाड़ियों में खुद को सुरक्षित करते हुए आगे बढ़ रहे थे। दुश्मनों ने हैंड ग्रेनेड और आरटी गन से फायरिंग तेज कर दी।

इसी बीच दुश्मनों द्वारा फेंका गया एक हैंड ग्रेनेड सैनिकों के बीच फटा। इसमें छह सैनिक शहीद हो गए और नौ सैनिक घायल हो गए। नेगी के अनुसार, ग्रेनेड हमले में उनका चेहरा और पैर बुरी तरह जख्मी हो गए। सभी घायलों को श्रीनगर बेस अस्पताल लाया गया। मुंह पर पट्टी होने के कारण वह दो दिन तक अपना चेहरा नहीं देख पाए।

लगातार घायल सैनिकों के आने से पूरा अस्पताल भर गया। पांच दिन बाद उन्हें एयर लिफ्ट कर दिल्ली बेस अस्पताल लाया गया। अस्पताल में जानकारी हुई कि हमले में 18 सैनिक शहीद और 58 घायल हुए हैं। उनमें राजपूताना राइफल्स, 13 जैक राइफल्स और 18 ग्रेनेडियर के जवान भी शामिल रहे। इसके बाद भी जवानों ने तोलोलिंग पर तिरंगा फहरा दिया।

तबीयत खराब होने की वजह से नहीं जा पा रहे 
कारगिल विनोद नेगी ने बताया कि कारगिल विजय दिवस की सिल्वर जुबली मनाने के लिए उन्होंने परिवार संग कारगिल जाने के लिए 23 जुलाई को गरीब रथ एक्सप्रेस से रिजर्वेशन कराया था। लेकिन अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। इस वजह से रिजर्वेशन कैंसिल कराना पड़ा। अब वह यहीं कारगिल विजय दिवस की सिल्वर जुबली सैनिकों संग मनाएंगे।

फौज से भेजी चिट्ठी घर आने पर मिली
हवलदार विनोद नेगी ने बताया कि दिल्ली बेस अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें 60 दिन की छुट्टी पर घर भेज दिया गया। वह अपने मूल ग्राम भिक्कावाला तारघर, जिला बिजनौर आ गए। घर आने के बाद ही परिजनों को उनके घायल होने की जानकारी मिली। फौज से उनके घर के लिए भेजी गई चिट्ठी, उनके घर आने के बाद ही मिली। 24 साल की सेवा के बाद वह परिवार समेत वर्ष 2017 में काशीपुर आ गए। विनोद नेगी वर्ष 1993 में बिहार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। वर्ष 1999 में बिहार रेजीमेंट से गढ़वाल समेत अन्य सैनिकों को उनकी मूल बटालियन में भेज दिया गया था। इसके बाद उनकी 18 गढ़वाल राइफल्स में पोस्टिंग हुई।

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