प्रदेश के सरकारी और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे संसदीय कार्यप्रणाली को अब पढ़ेंगे ही नहीं बल्कि किरदार भी निभाएंगे। राज्य के माध्यमिक विद्यालय और काॅलेजों में इस साल से युवा संसद का आयोजन किया जाएगा। शासन में हुई बैठक में सचिव माध्यमिक शिक्षा और सचिव विद्यालयी शिक्षा रामनगर को इसे अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के संसदीय ज्ञान को बढ़ाने के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर यह कवायद की जा रही है। युवा संसद के आयोजन को लेकर विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में शासन में बैठक हो चुकी है। जिसमें माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।प्रमुख सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नोडल अधिकारी सभी जिलों में युवा संसद आयोजित करने के लिए एसओपी तैयार कर कार्रवाई करेंगे। जिसमें जिलों के विभिन्न संबंधित अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार युवा संसद का हर साल आयोजन किया जाएगा।
युवा संसद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा
