भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई (RBI )ने उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों में उधार (एसडीएफ) लेने की सीमा को छह गुना तक बढ़ा दिया है। अब तक यह सीमा 382.97 करोड़ रुपये थी जो अब 2542.73 करोड़ रुपये कर दी गई है।इसके साथ ही अग्रिम धन लेने (डब्लूएमए) की सीमा भी 602 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 839 करोड़ रुपये कर दी गई है। उत्तराखंड के वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में आरबीआई का पत्र मिल गया है।दोनों मदों को जोड़ते हुए राज्य की विशेष परिस्थितियों में उधार लेने की सीमा 3382 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। इससे राज्य में वित्तीय प्रबंधन में आसान होगी। एसडीएफ कम होने से राज्य को अक्सर बाजार से छोटे छोटे कर्ज लेने पड़ते थे।
खासकर कर्मचारियों के वेतन भत्ते और पेंशन आदि के लिए राज्य को कर्ज लेना पड़ता था। अब यह समस्या नहीं रहेगी। वित्त सचिव ने बताया कि अब राज्य के विकास से जुड़ी योजनाओं के लिए लंबी अवधि के लोन की योजनाएं बना सकता है।राज्य गठन से पहले कार्यरत कर्मचारियों की पेंशन के दायित्व के दूर में उत्तर प्रदेश ने 285 करोड़ रुपये दिए है। मालूम हो कि कार्मिक और संसाधनों के बंटवारे के तहत राज्य के कुछ कार्मिकों के पेंशन-भत्तों का भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा होता है। इस मद में उत्तर प्रदेश ने एक किस्त दे दी है।