Monday, October 13, 2025
Homeउत्तराखंडउत्तराखंड में वीरों का सम्मान: सीएम धामी ने निभाया वादा, अग्निवीर आरक्षण...

उत्तराखंड में वीरों का सम्मान: सीएम धामी ने निभाया वादा, अग्निवीर आरक्षण नियमावली जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक और बड़े वायदे को पूरा करते हुए सेवामुक्त अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने की घोषणा कर दी है। सोमवार को कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने विधिवत तौर पर “उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में समूह ग की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों पर सेवायोजन हेतु क्षैतिज आरक्षण नियमावली–2025” जारी कर दी।

वर्दीधारी पदों पर मिलेगा सीधा लाभ

इस नियमावली के तहत अब सेवामुक्त अग्निवीरों को पुलिस आरक्षी (नागरिक/पीएसी), उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी सिपाही, प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय रक्षक जैसे महत्वपूर्ण वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। साथ ही, उन्हें टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में भी सेवायोजित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है।

धामी का मास्टर स्ट्रोक

सैन्य बहुल प्रदेश होने के नाते उत्तराखंड सरकार के इस फैसले को “मास्टर स्ट्रोक” माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे न केवल अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि युवाओं में सेना से जुड़ने की प्रेरणा भी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर प्रदेश का गौरव हैं। उन्हें सम्मान और रोजगार का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है। यह निर्णय सेवामुक्त हुए अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। हमारी सरकार पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों को हर तरह से सेवायोजन का प्रयास कर रही है।”

शहीद परिवारों के लिए बड़ा कदम

अग्निवीरों को आरक्षण देने के साथ ही राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों और वीर बलिदानियों के परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब शहीद सैनिकों के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दी गई है। साथ ही, वीर बलिदानी परिवारों में से एक परिजन को सरकारी नौकरी भी प्रदान की जा रही है।

सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण

प्रदेश की सैन्य परंपरा को सम्मान देते हुए देहरादून में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। यह धाम राज्य की वीरता और बलिदान की अनोखी मिसाल पेश करेगा और आने वाली पीढ़ियों को शौर्यगाथा से जोड़ेगा।

उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा कर देश की सीमाओं की रक्षा करता आया है। मुख्यमंत्री धामी के हालिया फैसले इसी गौरवशाली परंपरा को और मजबूती देने वाले हैं।

राज्य की सैन्य परंपरा इतनी गहरी है कि यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य देश की सीमाओं पर मातृभूमि की रक्षा में योगदान देता आया है। यही वजह है कि यहां की वीरता और देशभक्ति की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। इसी सैन्य परंपरा को सहेजने और शौर्य की धरोहर को संरक्षित करने के लिए राज्य सरकार ने देहरादून में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण कराया है, जो अब पूर्ण हो चुका है। यह धाम प्रदेश के लिए न केवल सैन्य श्रद्धा का केंद्र बनेगा बल्कि शहीदों की स्मृति को सदैव जीवंत रखेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments