उत्तराखंड के दस जिला सहकारी बैंकों ने 13 जिलों में चतुर्थ श्रेणी के 428 पदों पर भर्ती कराई। इन दस जिला सहकारी बैंकों में से तीन बैंकों की भर्ती को क्लीन चिट दे दी गई है। शेष सात बैंकों की भर्ती को निरस्त कर दिया गया है।एक ही भर्ती में तीन जिलों में लोग सवा दो साल से नौकरी कर रहे हैं, वहीं शेष दस जिलों के 25 हजार युवाओं के सपने टूट गए हैं। रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव की ओर से देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ को छोड़ कर अन्य सभी जिला सहकारी बैंकों को चतुर्थ श्रेणी की हुई भर्ती को निरस्त किए जाने के आदेश कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड में दस बैंकों ने 24 नवंबर 2020 को भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इस भर्ती पर पहले 2021 में रोक लगाई गई। फिर कुछ समय बाद भर्ती शुरू हुई। आचार संहिता के बीच में ही नियुक्ति भी दे दी गई। नई सरकार के गठन के बाद 29 मार्च 2022 को अग्रिम आदेशों तक भर्ती पर रोक लगाई गई।इस बीच देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ बैंकों ने आचार संहिता के बीच में ही 156 लोगों को नियुक्ति भी दे दी। इन लोगों में से सिर्फ 12 लोगों की सेवाएं समाप्त करने का फैसला हाल ही में लिया गया है।इस बीच रजिस्ट्रार कोऑपरेटिव की ओर से एक और आदेश किया गया है।
इसमें इन तीन बैंकों को छोड़ कर शेष अन्य सात बैंकों टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा में हुई भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करने का आदेश कर दिया है। जिन बैंकों ने शासन के आदेश को मानते हुए नियुक्ति नहीं दी, उन्हीं की भर्ती को निरस्त कर दिया गया। जिन सात अन्य डीसीबी का रिजल्ट जारी करने की बजाय भर्ती निरस्त की गई है, उससे राज्य के करीब 25 हजार युवाओं के सपने टूट गए हैं।