उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं फिर से शुरू हो गईं हैं। बारिश नहीं होने की वजह से जंगल धधक रहे हैं। जंगल की आग से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में आग एक बार फिर बेकाबू हो गई है।गुरुवार रात सोमेश्वर से लगे जंगल में आग बुझाने गए एक ग्रामीण की जलकर मौत हो गई। वहीं, रानीखेत में सेना के हॉस्टल तक आग पहुंच गई। 15 दिन में सोमेश्वर क्षेत्र में जंगल की आग से पांचवीं मौत से हड़कंप मच गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, सोमेश्वर ब्लॉक के खाई कट्टा वन पंचायत स्थित जंगल में गुरुवार रात करीब आठ बजे आग लग गई थी। ग्रामीणों के साथ 40 वर्षीय महेंद्र सिंह डांगी पुत्र स्व. गोविंद सिंह भी आग बुझाने गए थे। ग्राम प्रधान मनोज कुमार के मुताबिक, ग्रामीण शुक्रवार तड़के तीन बजे तक आग बुझाने में जुटे रहे।उसके बाद घर लौट गए। कुछ देर बाद पता चला कि महेंद्र नहीं लौटा है। इस पर ग्रामीण फिर मौके पर पहुंचे व महेंद्र की तलाश की। शुक्रवार सुबह महेंद्र का झुलसा हुआ शव बरामद हुआ। सूचना पर प्रशासन और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया।
रानीखेत में सैन्य हॉस्टल के पास भड़की आग
रानीखेत। रानीखेत में तिरंगा तिराहे से लगा जंगल गुरुवार रात धधक उठा। जंगल की आग निर्भया हॉस्टल के गेट तक पहुंच गई। यहां सेना के अफसर और उनके परिवार रहते हैं। गनीमत रही कि फायर कर्मियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया, नहीं तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। गुरुवार रात अज्ञात ने तिरंगा तिराहे से लगे जंगल में आग लगा दी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।