बिल्डर बाबा साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी अजय गुप्ता व उसके बहनोई अनिल गुप्ता की जमानत न्यायालय ने नामंजूर कर दी। दोनों की जमानत अर्जी पर बचाव और अभियोजन पक्ष में जोरदार बहस हुई। बचाव पक्ष के तर्कों को खारिज करते हुए न्यायालय ने जमानत देने से इनकार कर दिया। बचाव पक्ष ने आरोप लगाए कि अजय गुप्ता बीमार हैं लेकिन जेल में उन्हें मेडिकल सुविधा नहीं दी जा रही है। इस पर न्यायालय ने जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।गौरतलब है कि शुक्रवार को बाबा साहनी ने रिहायशी बिल्डिंग के आठवें फ्लोर से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। साहनी के पास से मिले सुसाइड नोट के आधार पर अजय गुप्ता और उसके बहनोई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। आरोप था कि रिहायशी प्रोजेक्ट बनाने में जो गुप्ता ने हिस्सेदारी की थी अब उसके बदले वह पूरा प्रोजेक्ट ही अपने नाम कराना चाहता था। ऐसे में दबाव में आकर साहनी ने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
Builder Death Case: अजय गुप्ता और उसके बहनोई की जमानत नामंजूर, कोर्ट में दोनों पक्षों में हुई जोरदार बहस
पुलिस ने शनिवार को गुप्ता व उसके बहनोई को अदालत में पेश किया, जिन्हें अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। दोनों आरोपियों की ओर से शनिवार को ही जमानत प्रार्थनापत्र दिया गया था। इस पर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई का दिन तय किया था। जमानत प्रार्थनापत्र पर सोमवार को बचाव की ओर से अधिवक्ता अतुल पुंडीर ने बहस की। उन्होंने कोर्ट के सामने तर्क दिया कि अपने पैसे मांगना ब्लैकमेलिंग की श्रेणी में नहीं आता है। बैंक भी अपने पैसे मांगते हैं। ऐसे में बैंक को भी इसी श्रेणी में रखा जाना चाहिए।