अक्षय तृतीया के मौके पर शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसी के साथ चारधाम यात्रा का भी श्रीगणेश हो गया। कपाटोद्घाटन के मौके पर मंदिरों और श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
इस दौरान तीनों धामों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। उधर, सोशल प्लेटफार्म ‘एक्स’ के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने के लिए बधाई दी। केदारनाथ धाम भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योर्तिंलिंग केदारनाथ के मंदिर के कपाट सबसे पहले सुबह सात बजे खोले गए। इस मौके पर हजारों भक्तों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सपत्नी मौजूद रहे।
हालांकि सुबह चार बजे से ही मंदिर परिसर में दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। केदारनाथ मंदिर में प्रतिदनि दर्शन के लिए अधिकतम श्रद्धालु संख्या 18 हजार तय है पर, पहले दिन करीब 29 हजार भक्तों ने दर्शन किए।
पहले दिन बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने भी अपने परिजनों के साथ बाबा केदार के दर्शन किए। यमुनोत्री धाम यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी शुक्रवार को अक्षय तृतीय के पर्व पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इससे पहले शुक्रवार सुबह मां यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से अपने भाई शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम पहुंचीं।
यहां पहले दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 5203 रहा। इससे पहले मां गंगा की उत्सव डोली सुबह सात बजे भैरव घाटी से चलकर सुबह नौ बजे गंगोत्री धाम पहुंचीं। यहां विधिवत पूजा-अर्चना के बाद अभिजीत मुहूर्त में कपाट खोले गए।
देवभूमि उत्तराखंड की पवित्र चार धाम यात्रा के शुभारंभ की बहुत-बहुत बधाई। यह ऐसी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा है, जिससे आस्था और भक्ति को नई स्फूर्ति मिलती है। यात्रा पर निकले सभी भक्तों और श्रद्धालुओं को मेरी ढेरों शुभकामनाएं।
जय बाबा भोलेनाथ!
आज उत्सव का दिन है। सभी को बाबा केदार के कपाट खुलने का इंतजार रहता है। मैं बाबा केदार से चारधाम के दर्शनों के लिए आने वाले हर श्रद्धालु की यात्रा मंगलमय होने की प्रार्थना करता हूं।बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह छह बजे वृष लग्न में खोले जाएंगे। इससे पूर्व शुक्रवार को जोशीमठ स्थित श्री नृसिंह मंदिर में पूजा हुई। यहां से भगवान विष्णु के वाहन गरुड़, शंकराचार्य की आराध्य गद्दी और गाडू घड़े को पुष्पवर्षा के साथ धाम को रवाना किया गया।