पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू के भाजपा का दामन थामने के बाद कई तरीके के सवाल जहां सियासी गलियारों में तैर रहें हैं तो वहीं हरक सिंह रावत की भाजपा में एंट्री की भी चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन हरक की बहू की भाजपा में एंट्री होने पर भाजपा विधायक ने अपनी एक पोस्ट के जरिए बड़ा सवाल भी उठा दिया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के भाजपा का दामन थामने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि हरक सिंह रावत के ऊपर चल रही ईडी की पूछताछ और अनुकृति गुसाईं से भी मामले में पूछताछ होने की वजह से अनुकृति गुंसाई ने डर के मारे भाजपा ज्वाइव की है। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि हरक ने पहले बहू की एंट्री भाजपा में करवाई है। उसके बाद हरक भी भाजपा का दामन थाम लेंगे।
बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा पहले हरक सिंह रावत को पार्टी से बाहर का रास्ता कांग्रेस में जाने की अटकलें पर दिखाया गया। तो वहीं फिर सीएम धामी ने हरक को कैबिनेट मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया था।कई दिनों तक दिल्ली में दिल्ली डेरा डालने के बाद हरक सिंह रावत और अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
हालांकि राजनीति के चतुर खिलाड़ी हरक सिंह रावत को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। लेकिन अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन विधानसभा से टिकट दे दिया। अनुकृति ने चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गईं और राजनीति के पुरोधा माने जाने वाले हरक अपनी बहू को भी चुनाव नहीं जीता पाए।
लोकसभा चुनाव में हरक ने कांग्रेस से हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। लेकिन इसी बीच पाखोरो टाइगर सफारी के नाम में भ्रष्टाचार के मामले में हरक की सीबीआई जांच और उसके बाद ईडी की पूछताछ ने हरक की मुश्किलें बढ़ा दी। हरक का चुनाव लड़ना तो दूर की बात हो गई बल्कि हरक की मुश्किलें और भी बढ़ने लगी हैं। हरक के करीबियों से भी ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है।
बीते कुछ समय से उत्तराखंड में चर्चा शुरू हो गई है कि हरक की उत्तराखंड की सियासत में राजनीति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। लेकिन इस बीच बहु अनुकृति ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान और अनिल बलूनी को जिताने की अपील कर दी। फिर चुनाव समाप्त होते ही भाजपा का दामन थाम लिया।
अब चर्चाओं का बाजार गर्म है कि हरक भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लोगों का कहना है कि हरक ने पहले बहू की भाजपा में एंट्री कराई और अब खुद भी भाजपा में जाने वाले हैं। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि हरक सिंह रावत का निष्कासन भाजपा हाई कमान के द्वारा किया गया है और भाजपा हाई कमान ही उनके पार्टी में शामिल होने पर विचार करेगा। फिलहाल हरक का भाजपा में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
अनुकृति गुसाईं के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह का कहना है कि अनुकृति के भाजपा में जाने की बात उसी दिन साफ हो गई थी जिस दिन उन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। वो अनुकृति को भाजपा में जाने की शुभकामनाएं देते हैं उनका भविष्य भाजपा में उज्जवल हो। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि अनुकृति के ऊपर ईडी द्वारा पूछताछ चल रही है। अगर वो जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें इस बात को पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है उस स्थिति में पार्टी उन्हें जबरन बाहर का रास्ता दिखा देगी।
अनुकृति गुसाईं की भाजपा में एंट्री पर लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत की एक पोस्ट भी चर्चाओं का विषय बनी है जो उन्होंने अनुकृति गुसाईं के भाजपा में शामिल होने के बाद किया। जिसमें उन्होंने राम तेरी गंगा मैली हो गई है पापियों के पाप धोते-धोते लिखा है। जिसके बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।
ऐसे में देखना यही होगा कि आखिरकार दूसरे दल से आने वाले नेताओं को लेकर पार्टी के भीतर जिस तरीके से कई नेता अपनी पीड़ा भी व्यक्त कर रहे हैं। तो आने वाले समय में क्या भाजपा के भीतर कोई असंतोष का गुबार भी फूटेगा या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दर से सब नेता केवल सोशल मीडिया के जरिए ही अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुप हो जाएंगे।