राजधानी देहरादून के मसूरी में साइबर ठगी का बड़ा मामला सामने आया है. गारमेंट्स कारोबारी को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया. कपड़ों का कारोबार करने वाले व्यवसायी को साइबर ठगों ने सोफा बनाने वाली कंपनी का वित्तीय सलाहकार बनकर झांसे में लिया. इसके बाद 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर डाली.
गारमेंट्स कारोबारी को साइबर ठगों ने सोफा बनाने वाली कंपनी में निवेश का लालच दिया. ठगों ने रकम दोगुनी करने और खाते में रिटर्न करने का झांसा दिया था. कारोबारी उनके जाल में फंस गया. आखिरकार जब उसको ठगे जाने का अहसास हुआ तो वो पुलिस के पास पहुंचा. पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
जाखन निवासी मनोज कुमार अग्रवाल ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि वह मसूरी में गारमेंट का कारोबार करते हैं. 15 मार्च को एक अज्ञात व्यक्ति ने उनको एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा. उस शख्स ने खुद को सोफा बनाने वाली एक बड़ी कंपनी एएसके इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड का वित्तीय सलाहकार बताया. व्हाट्सएप ग्रुप पर कुछ लोगों ने बड़े मुनाफे के स्क्रीन शॉट भी साझा किए हुए थे. इससे कपड़ा व्यवसायी को उन पर विश्वास हो गया.
इसके बाद 17 मार्च को कपड़ा व्यवसायी को दो अन्य व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया. इस ग्रुप में 108 सदस्य थे. ग्रुप के सदस्यों ने आश्वस्त किया कि निवेश पूरी तरह से सुरक्षित है. इससे काफी मुनाफा हो रहा है. साथ ही यह दावा किया कि निवेश करने के 24 से 48 घंटे के अंदर रिटर्न निवेशक के खाते में आ जाएगा.
गारमेंट्स कारोबारी उस व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों के झांसे में आ गया. उसने 17 मार्च से 4 अप्रैल के बीच अलग-अलग तारीखों में एक करोड़ 17 लाख रुपए निवेश कर दिए. डैशबोर्ड पर उसको मुनाफा तो दिखा, लेकिन वह धनराशि नहीं निकाल पाया. धनराशि निकालने के लिए 72 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा गया. तब जाकर कपड़ा व्यवसायी को अपने साथ ठगी होने का एहसास हुआ.