उत्तराखंड रोडवेज बोर्ड ने अपने बस बेडे़ में 275 नई बसें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। साथ कर्मचारियों की लंबित मांगों पर निर्णय लेते हुए सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान और चार प्रतिशत डीए बढोतरी के प्रस्तावों को भी हरी झंडी दिखा दी। रोडवेज के 2500 से ज्यादा कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, महिला कर्मचारियों को बाल्य देखभाल अवकाश (सीसीएल) की सुविधा देने के प्रस्ताव को फिलहाल टाल दिया गया है।
बोर्ड अध्यक्ष प्रमुख सचिव एल फैन्नई की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में हुई बोर्ड की 35वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। चारधाम यात्रा के दौरान रोडवेज को रिटायर कर्मियों की सेवाएं लेने की अनुमति भी दे दी गई है। रोडवेज यात्राकाल के तीन माह तक रिटायर कर्मियों को एक निश्चित मानदेय पर नियुक्त कर सकता है।
दो किस्त में मिलेगा एरियर रोडवेज के स्थायी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2017 तक की अवधि के एरियर का भुगतान दो किस्तों में किया जाएगा। पहली किस्त जून और दूसरी किस्त नवंबर महीने में दी जाएगी। कर्मचारियों और पेंशनर को जुलाई, 2023 से महंगाई भत्ते में चार प्रतिशत के इजाफे को मंजूरी दे दी गई है। डीए को 42 से 46 प्रतिशत करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही एक जनवरी 2020 से 30 जनू -2021 के दौरान रिटायर हुए कर्मियों को ग्रेच्युटी एवं अवकाश नकदीकरण को महंगाई भत्ते की अन्तर धनराशि से भुगतान करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई। बोर्ड ने उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण (संशोधन) नियमावली, 2023 को लागू करने का निर्णय भी लिया है। बैठक में सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकि, एमडी डॉ.आनंद श्रीवास्तव, अपर सचिव डॉ. इकबाल अहमद, रोडवेज जीएम दीपक जैन, जीएम अनिल गर्ब्याल, डीजीएम प्रदीप सती आदि मौजूद रहे।
● 100 सीएनजी बसें अनुबंधित आधार पर ली जाएंगी दिल्ली रूट के लिए
● 75 सीएनजी मॉडल की बसें रोडवेज खुद खरीदेगा,ये मैदानी क्षेत्रों से दिल्ली रूट पर चलेंगी
● 100 बीएस 06 मॉडल की नई डीजल बसें ली जाएंगी पहाड़ से दिल्ली रूट के लिए
नई बसें खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी
राज्य के पर्वतीय रूटों से दिल्ली रूट के लिए बीएस-6 मॉडल की 100 डीजल बसें खरीदी जाएंगी। मैदानी क्षेत्रों से दिल्ली रूट के लिए सीएनजी बसों को लिया जाएगा। इनके साथ ही 100 सीएनजी बस को कॉट्रेक्ट के आधार पर लिया जाएगा। सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाने के पीछे दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की वजह से सामान्य बसों पर लगने वाली संभावित रोक भी अहम कारण है। वर्तमान में दिल्ली रूट पर रोडवेज की 151 सीएनजी बसें चल रही है। यदि भविष्य में दिल्ली सरकार अपनी सीमा में पुरानी डीजल बसों पर रोक लगाती भी है तो उसका असर रोडवेज पर नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही पूर्व में 130 बस खरीदने के प्रस्ताव को भी आज विधिवत मंजूरी दे दी गई।