हल्द्वानी हिंसा के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हल्द्वानी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी भी शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने हल्द्वानी पुलिस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने क्रूरता और दुर्व्यवहार की सभी सीमाएं तोड़ दी हैं। पुलिस घरों के दरवाजों को तोड़कर अंदर घुस रही है। पुलिस लोगों को जबरन गिरफ्तार कर रही है।
यपूर्ण समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा
मदनी ने आरोप लगाया कि देश के तमाम हिस्सों में प्रदर्शनकारियों के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। हल्द्वानी पुलिस की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि कार्रवाई क्रूरतापूर्ण है। कोई भी न्यायपूर्ण समाज इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी परेशान किया जा रहा है। हमने कल उत्तराखंड के डीजीपी को पत्र लिखकर अत्याचार पर ध्यान देने की मांग की है। पुलिस द्वारा नागरिकों पर हो रहे अत्याचार के साथ-साथ क्षेत्र में हो रहीं जबरन गिरफ्तारियों की ओर भी ध्यान देने का अनुरोध किया है।
पुलिस धार्मिक आधार पर भेदभाव करती है
मदनी ने कहा कि हम घटना की निंदा करते हैं। संविधान ने देश के हर नागरिक को विरोध का अधिकार दिया है। प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करना अपराध नहीं है। पुलिस धार्मिक आधार पर भेदभाव करती है। यह निंदनीय है। बता दें, जमीयत ने गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है और हालात पर गहरी चिंता जताई है।