अब Haldwani के महिला कॉलेज में पढ़ेंगे छात्र, एमबीपीजी में होगी कला-विज्ञान की पढ़ाई – ETV Uttarakhand
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अब Haldwani के महिला कॉलेज में पढ़ेंगे छात्र, एमबीपीजी में होगी कला-विज्ञान की पढ़ाई

उच्च शिक्षा विभाग हल्द्वानी के महाविद्यालयों को कलस्टर के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। कुमाऊं के सबसे बढ़े एमबीपीजी कालेज में सिर्फ कला और विज्ञान संकाय संचालित करने की योजना है।जबकि महिला महाविद्यालय में कामर्स, बीबीए और बीसीए संकाय चलाने पर विचार किया जा रहा है। साथ ही महिला कालेज में सहशिक्षा लागू कर छात्रों को एडमिशन देने पर मंथन शुरू हो गया है। वहीं, गौलापार स्थित राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी नगर को एमबी और महिला कालेज में समायोजित करते हुए बंद किया जा सकता है।

हल्द्वानी के डिग्री कालेजों को कलस्टर व्यवस्था में लाने की योजना के बीच शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर अनु सचिव दीपक कुमार ने निदेशक उच्च शिक्षा को पत्र भेजा है। इसमें तीनों कालेजों में कार्यरत विषयवार शिक्षक, कर्मचारियों और अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या मांगी गई है। साथ ही कलस्टर के रूप में कालेजों को विकसित करने के लिए महाविद्यालयों में उपलब्ध संसाधानों के साथ ही पूरा प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा गया है।

हालांकि, अभी कार्यवाही चल रही है और निर्णय होने पर अगले सत्र से व्यवस्था लागू होने की संभावना है। अगर योजना लागू हो जाती है तो एमबीपीजी कालेज में बीएससी, एमएससी, बीए बौर एमए कक्षाओं का संचालन ही होगा। वहीं महिला कालेज में बीकाम, बीकाम आनर्स और एमकाम कोर्स संचालित होंगे।साथ ही बीसीए और बीबीए के रूप में नए प्रोफेशनल संकाय भी प्रारंभ किए जाएंगे। वहीं गौलापार कालेज को एमबीपीजी और महिला कालेज में समायोजित करने की योजना है। ऐसे में यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों को संबंधित दोनों कालेजों में संकायवार ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

गौलापार कालेज को तीन वर्ष में ही बंद करने की नौबत

एमबीपीजी कालेज में विद्यार्थियों का दबाव बढ़ने पर राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी नगर सृजित किया गया था। यह कालेज हल्द्वानी क्षेत्र में बनाया जाना था, लेकिन राजनीतिक खींचतान की वजह से अक्टूबर 2021 में गौलापार के किशनपुर में कालेज स्थापित किया गया। पांच कमरों के किराये के भवन में संचालित कालेज में स्नातक के दो बैच अध्ययनरत होने के बावजूद यहां तीन सौ के आसपास छात्र हैं।वहीं इस बार सिर्फ 11 छात्रों ने ही प्रवेश लिया है। कालेज के नगर से काफी दूर होने और संसाधन के अभाव के कारण विद्यार्थी प्रवेश नहीं ले रहे हैं। वहीं भवन का प्रतिमाह 10 हजार रुपये किराया सरकार वहन कर रही है। जबकि 20 से अधिक शिक्षक और कर्मचारियों के वेतन में 16 लाख से अधिक प्रतिमाह खर्च आ रहा है। ऐसी स्थितियों में कालेज को तीसरे वर्ष बंद करने की नौबत आ गई है।

एमबी और महिला में संकायवार शिफ्ट होंगे विद्यार्थी

एमबीपीजी कालेज कुमाऊं का सर्वाधिक छात्र संख्या वाला कालेज है। वर्ष 1960 में कालेज की स्थापना की गई और 1982 में राजकीय कालेज बना। जबकि प्रदेश के पहले महिला कालेज को मार्च 1996 में हल्द्वानी में स्थापित किया गया था। छात्राओं के बेहतर उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए कालेज स्थापित किया गया। वहीं, 28 वर्ष बाद गर्ल्स डिग्री कालेज का स्वरूप बदलने की तैयारी है।ऐसे में कामर्स के संकाय के साथ प्रोफेशनल विभाग भी शुरू होंगे और छात्रों को भी यहां प्रवेश मिलेगा। वहीं योजना लागू होने पर एमबीपीजी में पढ़ रहे कामर्स के छात्र महिला कालेज में शिफ्ट किए जाएंगे। जबकि महिला कालेज में पढ़ रहे विज्ञान और कला संकाय की छात्राओं को एमबीपीजी भेजा जाएगा।

महिला महाविद्यालय को कामर्स कालेज बनाने का सपना होगा पूरा

महिला कालेज को वर्ष 2015 में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डा. इंदिरा हृदयेश ने कामर्स कालेज बनाने की घोषणा की थी। साथ ही उन्होंने महिला महाविद्यालय में भविष्य में नए प्रोफेशनल पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की बात भी कही थी। वहीं नौ वर्ष बाद कालेज कालेज को पूर्ण रूप से कामर्स और प्रोफेशनल संस्थान बनाने की दिशा में कवायद प्रारंभ हुई है। ऐसे में आने वाले समय में अन्य व्यावसायिक कोर्स प्रारंभ होने की राह खुलेगी।

महिला कालेज में सहशिक्षा रही है प्राध्यापकों की मांग

एमबीपीजी कालेज में विद्यार्थियों का काफी दबाव रहता है। जबकि महिला कालेज में सीटें पिछले कुछ वर्षों से खाली रह रही हैं। ऐसे में विशेष रूप से एमबीपीजी में कार्यरत शिक्षक महिला कालेज में सहशिक्षा व्यवस्था लागू करने की मांग कर रहे थे। साथ ही दोनों कालेजों में अलग-अलग संकाय संचालित करने की वकालत की जा रही थी।

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