सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की जांच और निस्तारण में अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। स्थिति यह है कि उत्तराखंड के 20 विभिन्न विभागों के 1523 एल-वन स्तर के अफसरों में से 643 ने एक महीने से पोर्टल पर लॉग इन तक नहीं किया है।सीएम हेल्पलाइन पोर्टल की समीक्षा में यह स्थिति सामने आई। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इन सभी अफसरों का विभागवार जवाब तलब किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों की जांच और समाधान में प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग सबसे ज्यादा लापरवाह है।
विभाग के एल वन स्तर के 172 में से 116 अफसरों ने पिछले एक महीने ने सीएम हेल्पलाइन पोर्टल को देखा तक नहीं। इस मामले में दूसरे नंबर पर सहकारिता विभाग है, जिसके 94 में से 54 अफसरों ने पोर्टल पर एक माह से लॉग इन नहीं किया।दरअसल, सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों की जांच और समाधान के लिए एक प्रक्रिया तय है। सबसे पहले एल वन स्तर अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचती है। यहां से कार्यवाही के बाद अगले चरण में एल टू, एल थ्री व एल फोर के पास शिकायत जाती है।
समाधान में आबकारी विभाग अव्वल, लोनिवि फिसड्ड़ी
सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों पर कार्रवाई के आधार पर प्रदेश के 20 विभिन्न विभागों की रैंकिंग भी की गई है। इसमें 10 विभाग वो हैं, जिनका प्रदर्शन बेहतर है तो दूसरे दस वो हैं, जिनका प्रदर्शन बेहद कमजोर है।आबकारी विभाग शिकायतें हल करने के मामले में पहले पायदान पर है। जबकि लोक निर्माण विभाग सबसे फिसड्डी साबित हुआ है और लापरवाह महकमों में पहले पायदान पर है। विभागों की रैंकिंग एक अप्रैल 2023 से 25 जून 2024 तक सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई रफ्तार के आधार पर की गई है।
टॉप-10 जिम्मेदार विभाग
आबकारी, परिवहन, कृषि, महिला एवं बाल विकास, ग्राम्य विकास, ऊर्जा निगम, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, समाज कल्याण, पेयजल और पंचायती राज।
टॉप-10 लापरवाह महकमे
लोनिवि, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग, वित्त विभाग, राजस्व विभाग, श्रम, वन, शहरी विकास और गृह विभाग