भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात बिगड़ चुके हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत उनके कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया है. फिलहाल, पड़ोसी देश नेपाल के राजनीतिक हालात ठीक नहीं चल रहे हैं, जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेपाल से लगी सीमाओं की सुरक्षा को लेकर समीक्षा बैठक की. जिसमें उन्होंने कई अहम दिशा निर्देश दिए.
बता दें कि नेपाल, उत्तराखंड से सटा हुआ देश है. नेपाल के साथ उत्तराखंड लंबी सीमाएं साझा करता है. जिसमें पिथौरागढ़, चंपावत, उधम सिंह नगर जिले शामिल हैं. जो नेपाल बॉर्डर से लगे हुए हैं. इन जिलों की बॉर्डर से दोनों मुल्कों के नागरिक आवाजाही करते हैं. यहां से व्यापार से लेकर रोजगार आदि के लिए दोनों देशों के लोग आते जाते हैं.
इतना ही नहीं दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता भी माना जाता है. क्योंकि, उत्तराखंड की बेटियां नेपाल में ब्याह करती हैं तो वहां की बेटियां भी यहां आकर शादी करती हैं. तमाम संस्कृति भी करीबन मिलते जुलते हैं. दोनों देशों के बीच बॉर्डर से आवाजाही होती है.
दोनों देशों की सीमाओं को नदियां विभाजित है. इन पुलों के जरिए ही यहां के लोग वहां जाते हैं और वहां के लोग यहां आते हैं. ये पुल खास मौकों पर बंद भी कर दिए जाते हैं. खासकर जब भारत या नेपाल में चुनाव हो तो बॉर्डर को निर्धारित समय के लिए बंद कर दिया जाता है. कोरोनाकाल में भी बॉर्डर सील कर दिया गया था.
नेपाल में 8 और 9 सितंबर 2025 को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए. जिसमें पुलिस फायरिंग में कम से कम 19 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, सरकारी भवनों से लेकर मंत्रियों के घरों पर पथराव और आगजनी की. इतना ही नहीं पूर्व पीएम और विदेश मंत्री को भीड़ ने पीटा. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्राकर भी भीड़ की चपेट मे आ गई, उनकी जलकर मौत हो गई.