रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान को पार करते हुए बह रही है. नदी किनारे स्थित आवासीय घरों तक नदी का पानी पहुंच चुका है और सुरक्षा को देखते हुए घरों को खाली कराया गया है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ और बदरीनाथ क्षेत्र में तेज बारिश जारी है. जिस कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही उन्होंने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है.
उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है. भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर बह रहे हैं. साथ ही भारी बारिश से कई आशियाने भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं और कई संपर्क मार्ग बाधित हैं. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. चमोली जिले में हो रही बारिश के बाद रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी विकराल रूप धारण करके बह रही है. नदी ने खतरे के निशान को पार कर दिया है. फिलहाल नदी किनारे जाने पर रोक है और आवासीय भवनों को खाली करा दिया गया है. नदी में तमाम तरह का कूड़ा करकट भी बहकर आ रहा है.
लगातार हो रही वर्षा के कारण जनपद अंतर्गत अलकनंदा के साथ ही मंदाकिनी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. शनिवार सुबह 8 बजे अलकनंदा नदी का जलस्तर 626.90 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 627.00 मीटर से केवल 10 सेंटीमीटर नीचे है. जबकि जलस्तर चेतावनी स्तर 626.00 मीटर को पहले ही पार कर चुका है. इसी तरह, मंदाकिनी नदी का जलस्तर 625.10 मीटर मापा गया है, जो चेतावनी स्तर 625.00 मीटर को पार कर चुका है और अब खतरे के स्तर 626.00 मीटर के नजदीक पहुंच रहा है.
नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. जिला आपदा प्रबंधन टीम, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें लगातार जलस्तर की निगरानी कर रही हैं. इसके साथ ही नदी तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रशासन द्वारा समय-समय पर एनाउंसमेंट के माध्यम से लोगों को जानकारी दे रहा है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.