रोक के बावजूद आम पकाने में इस्तेमाल किया जा रहा खतरनाक रसायन, बिगड़ सकती है आपकी सेहत – ETV Uttarakhand
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रोक के बावजूद आम पकाने में इस्तेमाल किया जा रहा खतरनाक रसायन, बिगड़ सकती है आपकी सेहत

गर्मियों को आम का मौसम भी कहा जाता है। लोग इस मौसम में जमकर आम का लुत्फ उठाते हैं, लेकिन आम सेहत भी बिगाड़ सकता है।भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने हाल ही में आम को पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग करने को लेकर चेतावनी जारी की है।बता दें, फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर रोक है, लेकिन इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है। ऐसे में अब एफएसएसएआइ ने राज्यों को नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी रमेश सिंह के अनुसार, फल पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के उपयोग पर वर्ष 2011 से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन व्यापारी इसका अभी भी उपयोग कर रहे हैं। जिससे आम खाने वाले लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है।

प्रतिबंधित कैल्शियम कार्बाइड के बड़े पैमाने पर उपयोग को देखते हुए एफएसएसएआइ ने फलों को पकाने के लिए सुरक्षित विकल्प के रूप में एथिलीन गैस के उपयोग की अनुमति दी है। फसल, किस्म के आधार पर एथिलीन गैस का उपयोग 100 पीपीएम तक की सांद्रता में किया जा सकता है। बहरहाल, इस विषय पर जल्द ही मंडी समिति के साथ बैठक की जाएगी।मंडी समिति के सहयोग से अभियान संचालित कर कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। कहा कि फलों को खरीदते समय उनकी गुणवत्ता जरूर देखें और विश्वसनीय जगहों से ही फल खरीदें। फलों को खाने से पहले उन्हें अच्छी तरह से धोएं और कुछ देर के लिए पानी में डालकर रखें।

किसी भी तरह के केमिकल या कार्बाइड की मदद से पकाए गए फलों का सेवन शरीर को नुकसान पहुंचाता है। कैल्शियम कार्बाइड को पानी में मिलाने पर इससे एसिटीलीन नामक गैस निकलती है, जो फलों को पकाने का काम करती है।जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ सीनियर फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार के अनुसार, कैल्शियम कार्बाइड या अन्य तरह के केमिकल के इस्तेमाल से पके हुए फलों को खाने से शरीर में विषाक्त पदार्थ बढ़ सकते हैं। इसका सेवन पेट और पाचन तंत्र, फेफड़ों और शरीर के अंदरूनी अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

कार्बाइड से पकाए गए फलों के सेवन से नुकसान

  • पेट से संबंधित समस्याएं, जैसे गैस, अपच, दस्त और पेट दर्द की दिक्कत हो सकती है।
  • कार्बाइड में पके फलों का सेवन न्यूरोलाजिकल समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि सिरदर्द, चक्कर आना, और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याएं।
  • कैल्शियम कार्बाइड में उपस्थित आर्सेनिक और फास्फोरस जैसे तत्वों के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
  • कार्बाइड से पकाए गए फलों के सेवन से त्वचा पर एलर्जी, खुजली और लालिमा हो सकती है।

कार्बाइड से पकाए गए फलों को पहचानें

    • गंध: प्राकृतिक रूप से पकने वाले फलों की सुगंध ताजगी भरी होती है, जबकि कार्बाइड से पकाए गए फलों में रासायनिक गंध आती है।
    • रंग: कार्बाइड से पकाए गए फल बाहर से अत्यधिक पीले या चमकीले दिख सकते हैं, लेकिन उनके अंदर का रंग समान रूप से पका हुआ नहीं होता है। उदाहरण के लिए, आम का बाहरी हिस्सा पीला हो सकता है, लेकिन अंदर का गूदा कच्चा और सफेद हो सकता है।
    • छूकर करें पहचान: कार्बाइड से पकाए गए फल सामान्य से अधिक मुलायम हो सकते हैं। उन्हें छूने करने पर यह आसानी से दब सकते हैं और उनकी बनावट असमान हो सकती है।
    • स्वाद: इन फलों का स्वाद कृत्रिम और अप्राकृतिक हो सकता है। यह स्वाद प्राकृतिक रूप से पके हुए फलों की मिठास से भिन्न होता है।
    • वजन: कार्बाइड से पकाए गए फल हल्के हो सकते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से परिपक्व नहीं होते हैं और उनमें पानी की मात्रा कम हो सकती है।

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