
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Uttarakhand Char Dham Yatra) की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस यात्रा की 3 मई से शुरुआत होने जा रही है, ऐसे में यात्रियों के ट्रैक रिकॉर्ड और आपदा की स्थिति आने पर कैसे क्विक रिस्पांस करना है इसके लिए यात्रा सीजन में नये प्रयोग पर्यटन विभाग करने जा रहा है. इसके लिए पुराने फीडबैक को आधार बनाया गया है.
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल की गई है. ऐसे में पहली बार उत्तराखंंड सरकार ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ वैरिफेरेशन की भी व्यवस्था करने जा रही है, जिससे लोगों का ट्रैक रिकॉर्ड रखा जा सके. इसके लिए यात्रियों को क्यूआर कोड बना रिस्ट बैंड दिया जाएगा. इसको धामों में स्कैन किया जाएगा, ताकि पर्यटन विभाग को पता रहे कि कौन सा यात्री कहां पर है.
पर्यटन अधिकारी दिलीप जावलकर ने कहा कि मंदिरों के आसपास के इलाकों में 12 ऑटोमेटेड रिक्गनेशन कैमरे लगाये जा रहे हैं, ताकि लोकेशन ट्रैप के अलावा कितने यात्रियों को एक समय पर भेजा जाये इसका भी रिकॉर्ड रहे. वहीं पर्यटन मंत्री कहते हैं कि लम्बे समय बाद यात्रा हो रही है, इसलिए नये प्रयोग अच्छे अनुभवों को ले जाये.
वहीं, परिवहन विभाग ने भी पहली बार ट्रिप कॉर्ड की व्यवस्था की है. इसके साथ ही ग्रीन कॉर्ड को पूरे यात्रा सीजन के लिए वैलिड किया गया है, यात्री परेशान न हों इसके लिए यात्री ऑनलाइन पोर्टल से ही ट्रिप कॉर्ड और ग्रीन कॉर्ड ले सकते हैं.
जाम और सुरक्षा चारधाम यात्रा में सबसे बड़ी परेशानी होती है. ऐसे में पर्यटन विभाग की नई पहल कितनी कारगर होती है यह जल्द पता चलेगा, लेकिन इतना जरूर है कि इस बार की यात्रा ऐतिहासिक जरूर होने की उम्मीद है.