
कोटद्वार: नापखेत में पेड़ कटान की अनुमति की आड़ में लैंसडौन वन प्रभाग की कोटद्वार रेंज के अंतर्गत ग्रामसभा ग्वीराला के तोक ग्राम ईड़ा मल्ला व ईड़ा तल्ला में लकड़ी तस्करों ने डेढ़ सौ से अधिक पेड़ों पर आरियां चला दी। तस्करों ने चीड़ के साथ ही साल के कई पेड़ भी काट डाले। प्रभाग की ओर से मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें एक शिकायतकर्ता स्वयं है।
ग्राम ईड़ा मल्ला निवासी पुष्कर सिंह ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि क्षेत्र में लकड़ी तस्करों ने नापखेत में चीड़ व साल के कई पेड़ों पर आरियां चला दी हैं। उनका कहना था कि विभाग की ओर से नवंबर माह से अब तक अलग-अलग समय पर चीड़ के करीब साठ पेड़ों के कटान की अनुमति जारी की गई थी। लेकिन, तस्करों ने चीड़ के साथ ही साल के पेड़ों पर भी आरी चला दी। मामला संज्ञान में आने के बाद प्रभागीय वनाधिकारी अमरेश कुमार ने मामले की जांच शुरू करवा दी।
प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान अवैध कटान की पुष्टि हुई है। बताया कि मामले में ईड़ा बड़ा निवासी पुष्कर सिंह व ग्राम कांडई निवासी सत्यपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। बताया कि मामले में जांच जारी है। जांच के दौरान जो भी दोषी पाए आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में विभागीय जांच
शिकायतकर्ता पुष्कर सिंह को ही आरोपित बनाए जाने के बाद विभागीय जांच पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, विभाग का दावा है कि पुष्कर सिंह कटान कार्य में मेठ की भूमिका में था। सवाल यह भी है कि विभाग की ओर से कटान कार्य करने वाले ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया? साथ ही जिस वन कर्मी की जिम्मेदारी कटान कार्य पर नजर रखने की थी, उसके खिलाफ क्यों कार्रवाई नहीं की गई? हालांकि, प्रभागीय वनाधिकारी अमरेश कुमार का कहना है कि मामले में संबंधित अधिकारी व कर्मियों का स्पष्टीकरण लिया जाएगा। साथ ही जांच के दौरान दोषी पाए जाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।