Latest NewsPolitics

क्या उत्तराखंड के ये नेता पांचवीं बार भी विधानसभा में आएंगे नजर? या टूटेगा तिलिस्म

उत्तराखंड में दिनोंदिन तीखी होती चुनावी जंग के बीच भाजपा-कांग्रेस के छह दिग्गज नेताओं पर चुनावी पंच जड़ने का भी दबाव है। ये सभी नेता उत्तराखंड गठन के बाद से ही लगातार सदन में मौजूद रहे हैं। साथ ही पार्टी के सत्तारूढ़ होने पर सरकारों में अहम भूमिका भी निभाते आए हैं।

इस तरह यह सवाल सबकी जुबान पर है कि क्या ये नेता पांचवीं विधानसभा के सदन में भी नजर आएंगे? या उनकी जीत का तिलिस्म इस बार टूट जाएगा। इसी श्रेणी में काशीपुर से विधायक हरभजन सिंह चीमा और खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन भी शामिल हो सकते थे, लेकिन भाजपा ने अलग -अलग कारणों से इन्हें टिकट न देकर उनके परिजनों को मैदान में उतारा है। इसके अलावा चार विधायक चौका जमाने और 15 विधायक हैट्रिक की मोड़ पर खड़े हैं।

मदन कौशिक: हरिद्वार शहर विधानसभा सीट पर मदन कौशिक लगातार अपना परचम लहराते आ रहे हैं। वर्ष 2007 में वे मेजर जनरल (रिटायर) बीसी खंडूड़ी और फिर डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे। वर्ष 2017 में वे त्रिवेंद्र रावत में कैबिनेट में भी शामिल रहे। अब वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। 

प्रीतम सिंह: चकराता में प्रीतम सिंह का अब तक एक छत्र राज कायम रहा है। वर्ष 2004 नारायण दत्त तिवारी और वर्ष 2012 में विजय बहुगुणा और फिर हरीश रावत की सरकार में प्रीतम कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। वर्ष 2017 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की कमान भी प्रीतम संभाल चुके हैं। चौथी विधानसभा में वे नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में हैं। 

यशपाल आर्य: यशपाल आर्य वर्ष 2002 और 2007 में मुक्तेश्वर विस सीट से निर्वाचित हुए। इसके बाद वे बाजपुर आए और वहां से भी लगातार दो बार विधायक चुने गए। वे एनडी तिवारी, विजय बहुगुणा, हरीश रावत के साथ ही त्रिवेंद्र, तीरथ व धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। नवंबर, 21 में भाजपा से इस्तीफा देकर फिर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। 

गोविंद सिंह कुंजवाल:गोविंद सिंह कुंजवाल राज्य के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं। वे जागेश्वर विधानसभा सीट पर लगातार चार बार परचम लहरा चुके हैं। कांग्रेस सरकार में वर्ष 2002 में कुंजवाल कैबिनेट मंत्री और वर्ष 2012 में वह विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। लगभग 76 वर्षीय गोविंद सिंह कुंजवाल के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है।

बिशन सिंह चुफाल: डीडीहाट (पिथौरागढ़) के विधायक बिशन सिंह चुफाल खंडूड़ी व निशंक सरकार में मंत्री रहे हैं। वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र रावत सरकार में शामिल न करने पर वे अपनी नाराजगी भी जताते रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी सरकार आने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। चुफाल भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

अरविंद पांडे:अरविंद पांडे ने बाजपुर विधानसभा सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत  की। वर्ष 2002 और 2007 के विधानसभा चुनाव में वे यहां से निर्वाचित हुए थे। परिसीमन के बाद पांडे गदरपुर विस सीट पर शिफ्ट हो गए और दो बार यहां से भी निर्वाचित हुए हैं। वे धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। वे 30 साल की उम्र में विधायक बने। 

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.