
राज्य में तमाम झोलाछाप बिना किसी प्रशिक्षण और योग्यता के इलाज कर रहे हैं। दूसरी तरफ, तंत्र इन झोलाछापों पर कार्रवाई को लेकर लापरवाह बना हुआ है। इसी का नतीजा रहा कि सोमवार को ऋषिकेश के मुनिकीरेती क्षेत्र में एक झोलाछाप के गलत इलाज ने युवक की जान ले ली। अब इस झोलाछाप की जोर-शोर से तलाश हो रही है। सवाल यह है कि ऐसी कवायद हादसों से पहले क्यों नहीं की जाती? ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई के लिए पूरा एक तंत्र है, बावजूद इसके राज्य में झोलाछापों की दुकान कैसे चल रही है। साफ है कि इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग को और अधिक संजीदगी के साथ काम करने की जरूरत है। ऐसे मामलों में दोषी व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ उन अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जानी चाहिए, जिनके कंधों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है। समाज के स्तर पर भी जागरूकता की आवश्यकता है।