
जब भी कोई नई टेक्नोलॉजी धमाल मचाती है, एक चर्चा जरूर शुरू हो जाती है कि क्या लोगों की नौकरी खतरे में है? कंप्यूटर के शुरुआती दिनों में भी यही कहा जाता था और वो बात कुछ हद तक सही भी साबित हुई. कंप्यूटर के आने से काम का बोझ कम हुआ और कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या भी घटा दी. अब जब ChatGPT सुर्खियों में है, तो यही सवाल दोबारा पूछा जा रहा है. साथ ही एक सवाल यह भी है कि क्या गूगल सर्च जल्द ही गुजरे जमाने की बात हो जाएगा?
क्या है ChatGPT
आगे बढ़ने से पहले जान लेते हैं कि आखिर ChatGPT किस बला का नाम है? चैटजीपीटी एक डीप मशीन लर्निंग बेस्ड चैट बॉट है. इस पर आप जो भी सवाल पूछते हैं, उसके लगभग सटीक उत्तर मिलते हैं. यहां आप दार्शनिक सवालों से लेकर अपनी छोटी-छोटी समस्याओं से जुड़े प्रश्न भी पूछ सकते हैं. इसकी खासियत यहीं खत्म नहीं होती. ChatGPT से आप विभिन्न विषयों पर अच्छे और यूनिक आर्टिकल लिखवा सकते हैं. यदि आप ब्लॉगर हैं, तो ये चैट बॉट आपको एक SEO फ्रेंडली आर्टिकल भी लिखकर दे सकता है. इतना ही नहीं, आर्टिकल को आप कैसे सर्च इंजन पर रैंक करा सकते हैं. उसके लिए ये आपको अच्छे कीवर्ड्स और यूआरएल भी देता है.
गूगल से कुछ अलग
गूगल सर्च की तरह ChatGPT भी इंटरनेट से आपके सवालों के जवाब खोजता है, लेकिन इसकी खोज कुछ अलग होती है. उदाहरण के तौर पर जब आप गूगल में कुछ सर्च करते हैं या कोई प्रश्न पूछते हैं, तो आपके सामने ढेरों विकल्प आ जाते हैं. आपको दर्जनभर स्पैम वेबपेज में से अपने लिए जरूरी पेज चुनना होता है, लेकिन चैटजीपीटी आपको पहली बार में ही सबसे उपयुक्त जवाब देता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित ChatGPT भले ही पूरी तरह परफेक्ट नहीं है, मगर यह गेम-चेंजिंग टेक्नोलॉजी से लैस प्रोडक्ट है, जो गूगल के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है. बता दें कि चैटजीपीटी की अभी बीटा टेस्टिंग चल रही है.
लगातार हो रहा फेमस
ChatGPT कितना फेमस हो गया है, इसकी अंदाजा लगाने के लिए ये आंकड़े काफी हैं. महज 6 दिनों में इसके 10 लाख यूज़र्स हो गए थे. जबकि इंस्टाग्राम को ये संख्या छूने में ढाई महीने, फेसबुक को 10 महीने और ट्विटर को दो साल लगे थे. ChatGPT को Open AI नाम की कंपनी ने तैयार किया है. सिलिकन वैली के इनवेस्टर Sam Altman ने Elon Musk के साथ 2015 में इसकी शुरुआती की थी. बाद में Musk ने कंपनी छोड़ दी. इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें निवेश किया और कंपनी दोबारा OpenAI में लगभग 10 अरब डॉलर निवेश करने वाली है. आज के समय में OpenAI का वैल्यूशन 20 बिलियन डॉलर है.
ChatGPT की सीमाएं
Chat का मतलब तो आप समझते ही हैं, GPT का यहां अर्थ है Generative Pre Trained Transformer. यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जो इंसान की भाषा समझता है और इंसान की तरह जवाब दे सकता है. आप अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी सवाल कर सकते हैं. हालांकि, इसकी कुछ सीमाएं हैं. ChatGPT के पास सारी जानकारी लगभग 2021 तक की है, इसे इंटरनेट पर मौजूद किताबों, लेख आदि के आधार पर तैयार किया गया है. फिलहाल, इसके पास भविष्य के सवालों के जवाब नहीं हैं. जैसे यदि आप 2024 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा कोई सवाल पूछते हैं, तो आपको कुछ खास नहीं मिलने वाला. इसके उलट गूगल रियल टाइम में जवाब दे सकता है. लेकिन जैसा कि पहले बताया गया है चैटजीपीटी की अभी बीटा टेस्टिंग चल रही है. यानी इसमें सुधार की गुंजाइश बाकी है. यही वजह है कि इसे गूगल की टक्कर का सॉफ्टवेयर कहा जा रहा है.
क्या छीन सकता है नौकरी?
ChatGPT पर्सनल सेक्रेटरी की तरह कोई स्पीच तैयार कर सकता है, वकीलों की तरह दलील लिखकर दे सकता है. इसलिए इसे इंसानी नौकरी का दुश्मन भी कहा जा रहा है. इस सॉफ्टवेयर के मौजूदा स्वरूप में कुछ खामियां हैं, इसकी अभी कुछ सीमाएं हैं, इसलिए अगले कुछ सालों तक यह भले ही हमारी नौकरी के लिए खतरा न हो, लेकिन ऐसा होगा ही नहीं, यह मान लेना पूरी तरह गलत है. आजकल कई कंपनियां Chatbot के जरिए आपके सवालों के जवाब दे रही हैं. कुछ समय तक ये काम कॉल सेंटर में बैठे कर्मचारी ही करते थे. दरअसल, अधिकांश ग्राहकों के सवाल एक जैसे होते हैं. इसलिए मशीन को जवाब देने की ट्रेनिंग दी जा रही है. शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी AI से होने लगी है. कुछ साल पहले तक यह मजाक लगता था, लेकिन आज हकीकत है. लिहाजा, पूरी संभावना है कि ChatGPT के चलते इंसानों की नौकरी पर कैंची चल जाए.