
हल्द्वानी : जिला खनन समिति ने नियम में बदलाव कर अब गौला नदी से 108 की बजाय 125 कुंतल उपखनिज निकासी की अनुमति जारी कर दी है। समिति की बैठक में परिवहन विभाग का अधिकारी भी बतौर सदस्य शामिल होता है। मगर सड़क पर परिवहन विभाग खुद इस आदेश को तभी मानेगा, जब वाहनस्वामी अपने रजिस्ट्रेशन में संशोधन कर भार क्षमता को बढ़ाएंगे। वजन की सीमा बढऩे के साथ-साथ गाड़ी मालिकों की जेब पर भार बढ़ेगा। उन्हें साल में चार बार ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। रजिस्ट्रेशन में बदलाव न करने पर परिवहन विभाग चालान भी काट सकता है।
गौला के अलग-अलग निकासी गेटों से साढ़े सात हजार वाहन रोज उपखनिज निकालते हैं। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर करीब एक लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने वाली गौला को कुमाऊं की लाइफलाइन कहा जाता है। रोजाना एक गाड़ी अधिकतम 108 कुंतल ही उपखनिज नदी से भर सकती थी। इससे ज्यादा वजन होने पर एक दिन की निकासी बंद कर दी जाती थी। मगर तीन दिन पहले जिला खनन समिति ने वजन की सीमा को 17 कुंतल बढ़ाकर 125 कुंतल कर दिया।
इसके पीछे केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की रिपोर्ट में निर्धारित लक्ष्य का हवाला दिया गया है। पिछले साल गौला से 32 लाख घनमीटर उपखनिज निकला था। मगर बारिश ज्यादा होने के कारण इस बार 38 लाख घनमीटर लक्ष्य तय हुआ है। वहीं, आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि 125 कुंतल वजन भरने के लिए वाहनस्वामियों को आरसी में बदलाव करना होगा। जिसके बाद परिवहन विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी।
आदेश के खिलाफ हड़ताल करेंगे वाहनस्वामी
गौला खनन संघर्ष समिति ने सोमवार को एसडीएम मनीष कुमार के माध्यम से डीएम को ज्ञापन भेज आदेश निरस्त करने की मांग की। इसके अलावा वन निगम के डीएलएम वाइके श्रीवास्तव से मुलाकात कर नदी में पुराने नियम के हिसाब से ही निकासी करवाने को कहा। वाहनस्वामियों ने साफ कहा कि अगर उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो सभी निकासी गेटों पर हड़ताल शुरू हो जाएगी।