ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले उत्तराखंड सरकार लाई सेवा क्षेत्र नीति

देहरादून। उत्तराखंड में आगामी दिसंबर माह में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले मंत्रिमंडल ने ‘सेवा क्षेत्र नीति 2023’ घोषित कर दी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर विमर्श के बाद स्वीकृति दे दी गई।
कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि पर्यटन विभाग के अंतर्गत श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान के वास्तुविद सेवाओं के कार्य मैसर्स आईएनआई डिजाइन स्टूडियो प्रा लि द्वारा किए जाने के दृष्टिगत, धाम में विभिन्न स्थानों पर स्थापित की जाने वाली विभिन्न विशेष प्रकृति की कलाकृतियों एवं मूर्तियों के कंसेप्चुअल डिजाइन, डिटेल्ड डिजाइन डीपीआर, पोस्ट इंप्लीमेंटेशन के लिए भी इसी कंपनी से 6.5 प्रतिशत की दर से एकल स्रोत के माध्यम से कन्सलटेन्सी सेवायें लिये जाने का निर्णय लिया गया है।
डा संधु ने बताया कि इसके अतिरिक्त, औली को पर्यटन के क्षेत्र में विकसित किये जाने हेतु स्कीइंग डेस्टिनेशन प्लान एवं उसके क्रियान्वयन हेतु औली विकास प्राधिकरण का गठन किये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि किसी क्षेत्र में पर्यटन और पर्यटन व्यवस्था सम्बन्धित सेवाओं में सुधार किये जाने हेतु समय-समय पर उत्तराखण्ड विशेष क्षेत्र अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा विशेष पर्यटन विकास क्षेत्र घोषित किया जाता है। क्योंकि उत्तराखण्ड में औली सबसे लोकप्रिय स्कीइंग गंतव्य स्थल है। उन्होंने बताया कि इसलिए औली को स्कीइंग गंतव्य के रूप में विकसित किये जाने हेतु योजना एवं उसके क्रियान्वयन हेतु औली विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत, उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 के संबंध में भी कुछ निर्णय लिये गये है। इसके तहत, उत्तराखंड सरकार द्वारा स्वास्थ्य देखभाल, वेलनेस एवं पारम्परिक चिकित्सा, शिक्षा, फिल्म और मीडिया, खेल, आई.टी.ई.एस., डाटा सेंटर, कौशल विकास के क्षेत्रों में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति-2023 लायी गई है। उक्त नीति के प्रख्यापन से राज्य की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि नीति के अतंर्गत सेवा अर्थव्यवस्था (पर्यटन को छोड़कर) 2030 तक 27 अरब अमरीकी डालर तक बढ़ेगी। जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम 40 प्रतिशत का योगदान देगी।
डा संधु ने बताया कि उत्तराखंड 2030 से पहले सेवा क्षेत्रों में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2027 से पहले 45,000 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत सेवा क्षेत्र में 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा तथा सेवा क्षेत्रों में 10 लाख श्रमिकों का कौशल विकास होगा। सेवा क्षेत्र में निवेशकों को भूमि एवं पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
डा. संधु ने बताया कि कैबिनेट ने सचिवालय प्रशासन विभाग के तहत, उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के आदेश दिनांक 31.03.2023 के क्रम में अपर निजी सचिव परीक्षा-2017 में समतुल्य शैक्षिक अर्हता होने के दृष्टिगत 04 अभ्यर्थियों के चयन की सहमति लोक सेवा आयोग को प्रेषित किये जाने के संबंध में निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के अंतर्गत, राज्य में पम्प स्टोरेज परियोजनाओं की ड्राफ्ट नीति पर भी मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
डा. संधु ने बताया कि ऊधमसिंहनगर में, जो गैस आधारित प्लांट हैं, उनमें बाहरी देशों से आने वाली लिक्विफाइड गैस पर कोई वैट नहीं है जबकि सी.एन.जी गैस पर वैट 20 प्रतिशत है। इससे गैस आधारित प्लांट के संचालन में कठिनाई होने के कारण इस वैट को भी शून्य किये जाने का निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया गया है। इससे गैस आधारित प्लांट संचालित हो सकेंगे और प्रदेश में बिजली आपूर्ति की कमी को दूर किया जा सकेगा।