
हल्द्वानी. कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी (Haldwani News) में हर रोज लगने वाली जाम की समस्या को खत्म करने के लिए कई प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई थीं. एक करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से लगाई गईं ये ट्रैफिक लाइट्स सफेद हाथी साबित हो रही हैं. ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police Nainital) के अधिकारी बार-बार इन शोपीस बन चुकीं लाइट्स के ट्रायल की बात कहते हैं, लेकिन अब तक हालात जस के तस बने हुए हैं.
हल्द्वानी शहर में भीड़भाड़ वाले 13 चौराहों को चिह्नित कर यातायात दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई थीं. हालांकि लाइट्स लगने के बाद से ही अधिकतर जगहों पर ये शुरू नहीं हो सकीं. शहर में जाम की समस्या हर दिन बढ़ती जा रही है. इसकी बड़ी वजह सीमित सड़कों पर हर रोज वाहनों की संख्या का बढ़ना है.
कुछ ट्रैफिक लाइट्स को ऐसी जगह लगा दिया गया है, जहां इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता, क्योंकि वहां सड़कें चौड़ी नहीं हैं. आए दिन स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी जाम से जूझना पड़ता है. दरअसल कुमाऊं के मुख्य पर्यटन स्थलों को जाने के लिए आपको हल्द्वानी शहर से ही होकर गुजरना पड़ता है.
स्थानीय निवासी विजय चंद्र ने कहा कि जब से ये लाइट लगी हैं, तब से इनमें दिक्कत आ ही रही है. मुखानी, डिग्री कॉलेज और काठगोदाम में इतना रश रहता है. हर तरफ लाइट में जो पैसा खर्च किया गया है, वह व्यर्थ गया है. ये जली ही नहीं हैं. हर जगह पुलिसकर्मी खड़े रहते हैं. जब उन्हें ही खड़ा करना था तो ये लाइट लगाई ही क्यों गई हैं. हल्द्वानी कुमाऊं का मुख्य द्वार है, जब यहां का यह हाल है तो आगे जाकर क्या होगा, समझ सकते हैं.
एसपी (यातायात) डॉ. जगदीश चंद्र ने इस बारे में कहा कि मुखानी चौराहे की ट्रैफिक लाइट का एनुअल मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया है. विभाग से धनराशि मिलने के बाद नई कंपनी को इसका काम सौंपा जाएगा. अन्य जगहों पर लगी ट्रैफिक लाइट्स को भी जल्द शुरू किया जाएगा. कुछ जगहों पर ट्रैफिक लाइट बहुत नजदीक लगी हैं, जिससे ट्रैफिक चलाने में दिक्कत आ रही है. आम आदमी को फायदा नहीं मिल रहा. इस वजह से कुछ जगहों पर ट्रैफिक लाइट बंद की गई हैं.