
उत्तराखंड पर्यटन विभाग में इस वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड में होने जा रहे कई एडवेंचर के इवेंट को लेकर के प्लानिंग की है, जिनको लेकर हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में जानकारी दी गई. तो वहीं, पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने कोशिश कर रहा है. इसको लेकर अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर लाने के निर्देश दिए गए हैं.
अगले साल तक बिछेगा रोपवे का जाल: इन सबके अलावा पर्यटन विभाग का पूरा फोकस उन जगहों पर है, जहां पर इंसानी पहुंच विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते थोड़ा मुश्किल है. वहां पर रोपवे से एप्रोच की जा रही है. अगला पूरा साल पर्यटन विकास परिषद अपने रोपवे के विकास पर केंद्रित रहने वाला है. उन्होंने बताया कि एनएचएआई के साथ हुए एग्रीमेंट के तहत पंचकोटी से बौराड़ी, बल्ला की बेंच से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, रानी बाग से हनुमानगढ़ मंदिर के बीच रोपवे के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने प्रदेश में एडवेंचर गतिविधि से जुड़े कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केदारनाथ और हेमकुंड के लिए रोपवे पर कार्य शुरू कर दिया गया है. देहरादून मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट सड़क को डबल लेन बनाने का प्रस्ताव किया गया है. कण्वाश्रम के निर्माण का प्रस्ताव है. प्रदेश में कैरावन टूरिज्म (Caravan Tourism), चाय बागान टूरिज्म (Tea Garden Tourism) और होमस्टे टूरिज्म गाइड (Homestay Tourism Guide) जैसे शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण दिए जाने की भी प्लानिंग की जा रही है. इसके अलावा ऋषिकेश में गंगा के आर्ट फेस्टिवल, टिहरी में कैनोइंग फेस्टिवल, बौर जलाशय में क्याकिंग चैंपियनशिप, छोटा कैलाश माउंटेनियरिंग अभियान और पिंडारी में ट्रैक ऑफ द ईयर के अलावा हाई एंड लो एल्टीट्यूड ट्रैकिंग (High And Low Altitude Tracking) की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.