Latest NewsPolitics

नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में बगावत का अंदेशा

uttarakhand congress

देहरादून: कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में क्षेत्रीय समीकरण साधने की परंपरा को तोड़ते हुए इस बार प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष दोनों ही कुमाऊं से बनाए हैं. इसके साथ ही नेता उपसदन की जिम्मेदारी भी कुमाऊं से आने वाले भुवन कापड़ी को दी गई है. कांग्रेस हाईकमान के इस फैसले को राजनीतिक गलियारों में गढ़वाल की अनदेखी माना जा रहा है. इसी को देखते हुए कांग्रेस के अंदर ही इसे लेकर असंतोष दिख रहा है. कांग्रेस में हुई नियुक्तियों के बाद प्रीतम सिंह खेमा नाराज दिख रहा है. अलग-अलग जिलों में इसे लेकर इस्तीफों का दौर भी शुरू हो गया है. नेता इस फैसले को गढ़वाल की अनदेखी बता रहे हैं.

चकराता से विधायक प्रीतम सिंह ने भी उत्तराखंड कांग्रेस के मैनेजमेंट को लेकर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा पूर्व में जिस तरीके से नेता प्रतिपक्ष व अध्यक्ष को लेकर जो भी निर्णय लिये जाते थे, तब दोनों मंडलों का ध्यान रखा जाता था. जबकि इस बार ऐसा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा इस बार गढ़वाल मंडल से न अध्यक्ष बना न नेता प्रतिपक्ष, यह गलती न तो राहुल गांधी की है और न ही सोनिया गांधी की. प्रीतम सिंह ने बगैर नाम लिए कहा कि यह गलतियां मैनेजरों ने की हैं. जिनकी वजह से यह चूक हुई है.

मसूरी के शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने आलाकमान के फैसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा यह फैसला समझ नहीं आ रहा है. जिस व्यक्ति ने प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष रहते हुए पार्टी को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, उनकी अनदेखी क्यों की गई है? गौरव ने कहा एक इंसान के शरीर में दो हाथ होते हैं और दोनों हाथ महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में जहां कुमाऊं है तो वहां गढ़वाल भी है. इसलिए आज सभी समर्थक कांग्रेस आलाकमान से यह पूछना चाहते हैं कि गढ़वाल मंडल को दरकिनार क्यों किया गया है.

बता दें माना जा रहा था कि प्रीतम सिंह के कद को देखते हुए उन्हें कांग्रेस आलाकमान नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी देगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी ने भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बना दिया है. यशपाल आर्य को पार्टी में शामिल कराने में मुख्य भूमिका प्रीतम सिंह की बताई जाती है. हाईकमान द्वारा अपने नेता की अनदेखी के बाद प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है. रविवार देर शाम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इन नियुक्तियों का पत्र जारी किया गया. इससे प्रीतम खेमा नाराज बताया जा रहा है. क्योंकि गढ़वाल से कांग्रेस आलाकमान ने किसी नेता को कोई जिम्मेदारी नहीं दी है.

चमोली में भी इस्तीफा: कांग्रेस हाईकमान के फैसले से नाराज चमोली के कांग्रेसियों ने इसे गढ़वाल की उपेक्षा बताते हुए 100 से अधिक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सामूहिक त्यागपत्र प्रदेश अध्यक्ष को भेजा है.

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.