
गोपेश्वर : दशोली विकासखंड के ईराणी गांव के युवाओं ने प्रशासन को आइना दिखाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया। लंबे इंतजार के बाद भी जब गांव तक सड़क नहीं पहुंची तो युवाओं ने गांव के पांच किमी पैदल रास्ते से ही अपने कंधों पर मोटरसाइकिल को गांव तक पहुंचा दिया। युवाओं का कहना है कि उन्होंने गांव के बुजुर्गो को गांव में वाहन दिखाने का सपना पूरा किया है। गांव में खेतों व पैदल रास्ते में मोटरसाइकिल को चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत वर्ष 2009 में गांव तक के लिए सड़क निर्माण को स्वीकृति मिली थी। जिला प्रशासन ने वर्ष 2021 तक ईराणी गांव में सड़क से वाहन पहुंचाने का ग्रामीणों को वचन दिया था। लेकिन, अभी पांच किमी क्षेत्र में सिर्फ पहाड़ कटिग का कार्य ही हो पाया है। झीझी गांव के पास पुल निर्माण होना था। लेकिन, पुल निर्माण न होने से गांव तक सड़क निर्माण भी नहीं हो पाया। मोटरसाइकिल को गांव तक ले जाने वाले 24 वर्षीय हिमांशु का कहना है कि जब सरकार ग्रामीणों की सड़क सुविधा का सपना पूरा नहीं कर पाई तो युवाओं ने पैदल ही मोटरसाइकिल को गांव तक पहुंचाने का निर्णय लिया, जिसे सात युवाओं की टीम ने पूरा किया।
गांव के युवक सुनील का कहना है कि मोटरसाइकिल को गांव के पैदल रास्ते में चला कर सरकार को संदेश दिया गया है कि जिस तरह मोटरसाइकिल को गांव तक पहुंचाना आसान है उसी तरह सड़क निर्माण भी आसान है। लेकिन, विभाग व प्रशासन में इच्छाशक्ति का अभाव है। गांव के ग्राम प्रधान मोहन सिंह नेगी का कहना है कि गांव के कुछ बुजुर्ग ऐसे हैं जिनका सपना था कि गांव में सड़क और वाहन पहुंचे। सड़क तो अब तक नहीं बन पाई है। लेकिन, युवाओं ने केवल वाहन गांव तक पहुंचाकर बुजुर्गो का एक सपना पूरा किया है।