
कोटद्वार : गढ़वाल मोटर आनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) व रोडवेज की बसों के चारधाम यात्रा पर जाने से पहाड़ों की यातायात व्यवस्था बेपटरी हो गई है। हालत यह है कि पर्याप्त वाहन नहीं होने के कारण पहाड़ के अधिकांश यात्री मैक्स वाहनों की छत पर बैठकर सफर कर रहे हैं। ऐसे में यह लापरवाही कब यात्रियों की जिदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। पूर्व में हुए हादसों के बाद भी जिम्मेदार सिस्टम मौन बैठा हुआ है।
पर्वतीय क्षेत्रों में चलनी वाली जीएमओयू व रोडवेज की 80 प्रतिशत बसें चारधाम रूट पर गई हुई है। ऐसे में पहाड़ के अधिकांश रूटों पर केवल मैक्स वाहनों से ही सफर किया जा रहा है। समय-समय पर संचालित हो रही मैक्स वाहनों में बैठने के लिए भी यात्रियों में होड़ मची हुई है। सीटें भरने के बाद अधिकांश यात्री मैक्स की छतों में बैठक सफर कर रहे हैं। खतरनाक मोड़ पर फर्राटे से दौड़ते यह ओवरलोड वाहन कब दुर्घटनाग्रस्त हो जाएं, कुछ कहा नहीं जा सकता। वाहनों की छत पर बैठी सवारियों को भी देखकर लगता है, मानो उन्हें अपनी जिदगी की परवाह न हो। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग का अभियान भी केवल कोटद्वार की सीमाओं तक ही सिमटकर रह गया है। जबकि, पर्वतीय रूटों में देखने वाला कोई नहीं है। इशारों में चलता है खेल
मैक्स वाहन चालक इशारों में बातें कर एक-दूसरे को यातायात चेकिंग के बारे में जानकारी देते हैं। यदि किसी मोड़ पर अधिकारी वाहनों की तलाशी करते हैं तो उससे पहले ही वाहन चालक सवारियों को छत से नीचे उतार देते हैं। जबकि, अधिकारी वाहनों के अंदर क्षमता से अधिक बैठी सवारियों पर ध्यान नहीं देते।
यातायात नियमों का पालन करवाने के लिए यातायात पुलिस की ओर से समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। वाहन चालकों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी।
-शिव कुमार, यातायात निरीक्षक, कोटद्वार