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पिथौरागढ़ पहुंचने के लिए गांव के लोगों ने बनाया लकड़ी का पुल

wood bridge

नाचनी : पिथौरागढ़ जनपद पहुंचने के लिए बागेश्वर के आठ गांव के लोगों ने मिलकर रामगंगा नदी पर लकड़ी का कच्चा पुल तैयार कर लिया है। मंगलवार से पुल पर आवागमन शुरू हो गया है। पुल के अभाव में अभी तक ग्रामीण गरारी के जरिये आवागमन कर रहे थे।

बागेश्वर जनपद के गांवों को पिथौरागढ़ से जोड़ने के लिए नाचनी कस्बे में लोहे का पक्का पुल 2018 की आपदा में ध्वस्त हो गया था। तब से पुल का निर्माण नहीं हुआ। लोक निर्माण विभाग ने दोनों जिलों को जोड़ने के लिए रामगंगा नदी के ऊपर गरारी लगा दी। आठ गांवों के 150 से अधिक बच्चों के साथ ही सामान आदि खरीदने के लिए लोग इसी गरारी से नाचनी तक पहुंच रहे थे। गरारी से गिरने के कारण पिछले वर्ष एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मानसून काल में गरारी से आवागमन बागेश्वर जनपद के ग्रामीणों की मजबूरी है। मानसून काल बीतने के बाद ग्रामीण हर वर्ष श्रमदान कर नदी पर लकड़ी का कच्चा पुल तैयार करते हैं, जिससे अप्रैल तक आवागमन होता है। मई से नदी का जल स्तर बढ़ जाने के बाद पुल नदी की भेंट चढ़ जाता है। यही स्थिति पिछले तीन वर्षो से चली आ रही है।

ग्रामीणों ने इस वर्ष भी एक पखवाडे़ की मेहनत के बाद कच्चा पुल तैयार कर लिया। मंगलवार से इस पुल पर आवागमन शुरू हो गया है। उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष हरीश बथ्याल ने दोनों जिलों के लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए अविलंब पक्के पुल का निर्माण कराने की मांग की है। इधर, लोक निर्माण विभाग का कहना है कि पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाया गया है, स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

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