Uttarakhand

नदियों में मलबा सिल्ट और आरबीएम खनन का मामला हाई कोर्ट पंहुचा

नैनीताल : हाई कोर्ट ने राज्य की रिवर ड्रेजिंग पॉलिसी 2021 को चुनौती देती जनहित याचिका पर सुनवाई की। बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने याचिका में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार, केंद्रीय तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

मातृसदन हरिद्वार ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रिवर ड्रेजिंग पॉलिसी की आड़ में राज्य सरकार नदियों से खनन कर रही है, जिसकी वजह से अवैध खनन को बढ़ावा मिल रहा है। रिवर ड्रेजिंग पॉलिसी में यह व्यवस्था की गई है कि जिस नदी का ड्रेजिंग किया जाना है ,उसका पहले सर्वे किया जाएगा, इतना खनन किया जाएगा, जिससे नदी का बहाव दुरस्त हो सके।

खनन में जितना माल निकलेगा उसे नदी के किनारों में इक्कठा किया जाएगा। इस माल का परिवहन नही किया जाएगा। अगर सरकार इसका व्यवासायिक रूप से उपयोग करती है तो उसे पहले केंद्र सरकार की अनुमति ली जानी आवश्यक है लेकिन सरकार रिवर ड्रेजिंग की आड़ में इसका व्यावसायिक उपयोग कर रही है। इसलिए इस नीति पर रोक लगाई जाए। यह उच्च न्यायलय के पूर्व में दिए गए आदेश के विरुद्ध भी है।

क्या है रिवर ड्रेजिंग नीति

बीते से साल नवंबर में शासन ने नदियों में मलबा, सिल्ट और आरबीएम (रिवर बेड मैटिरियल) के जमा होने से नदी तट में कटाव व आबादी की जान माल के नुकसान की आशंका को देखते हुए नदी से मलबा निकालने को रिवर ड्रेजिंग नीति जारी क‍िया है। इसके तहत नदी की सतह से तीन मीटर तक मलबा निकाला जा सकेगा। इसके लिए जेसीबी और पोकलैंड का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

Leave a Response

etvuttarakhand
Get the latest news and 24/7 coverage of Uttarakhand news with ETV Uttarakhand - Web News Portal in English News. Stay informed about breaking news, local news, and in-depth coverage of the issues that matter to you.