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कड़कनाथ मुर्गा पालन की कमाई से चमकी दुम्का ब्रदर्स की जिंदगी

kadaknath murga farm in haldwani

हल्द्वानी: छत्तीसगढ़ के जंगली प्रजाति का कड़कनाथ मुर्गा आज लोगों के रोजगार का जरिया बन रहा है. देशभर में छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ रही है. कड़कनाथ मुर्गा युवाओं को रोजगार की नई राह दिखा रहा है. नैनीताल जिले के रहने वाले दो भाइयों की भी जब कोरोना में नौकरी चली गई तो उन्होंने भी कड़कनाथ मुर्गों का कारोबार किया और आज इस काम से वे अच्छा खासा कमा रहे हैं.

इस समय दुम्का ब्रदर्स के पास करीब 500 से अधिक कड़कनाथ मुर्गे हैं. भूपेश के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गा का कारोबार मुनाफे का सौदा है, क्योंकि इसके मांस और अंडे की डिमांड अधिक है. कड़कनाथ मुर्गे के अंडे और मांस में काफी प्रोटीन होता है. इसकी खासियत यह है कि इसमें फैट नहीं होता है. अन्य नस्ल के मुर्गों के मुकाबले कड़कनाथ का मांस पौष्टिक औरऔषधीय गुण से भरा हुआ है, जिसके चलते इसकी मांग अधिक है.

भूपेश ने बताया कि कड़कनाथ के अंडे में वसा कम और प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है. इसीलिए बाजार में इसकी काफी मांग है. दुम्का भाइयों का कहना है कि कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई थी. इसके बाद वे अपने गांव आ गए थे. तभी उन्होंने कड़कनाथ मुर्गे का कारोबार शुरू किया.

भूपेश दुम्का की मानें तो यदि सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाए तो कड़कनाथ मुर्गी फार्म का कारोबार उत्तराखंड के युवाओं के लिए वरदान साबित हो सकता है. सरकार को चाहिए की वो सब्सिडी के माध्यम से युवाओं को इस रोजगार के लिए लोन उपलब्ध कराए.

कैसे करें कड़कनाथ मुर्गे का पालन? अगर आप कड़कनाथ पालन करने पर विचार कर रहे हैं तो फिर आपको इसके लिए पोल्ट्री फार्म खोलना होगा. यह आप अपने गांव या फिर शहर के बाहरी हिस्से में ही खोल सकते हैं. आप चाहें तो पोल्ट्री फार्म के बारे में ट्रेनिंग ले सकते हैं. हालांकि, इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आप जिन चूजों को पोल्ट्री फार्म में रखने जा रहे हैं, वे स्वस्थ ही हों, अगर ये चूजे बीमार होते हैं तो फिर अन्य चूजों को भी बीमारी हो सकती है. पोल्ट्री फार्म को हमेशा जमीन से थोड़ी ऊंचाई पर ही बनाएं, जिससे यदि कभी इलाके में बारिश हो तो पानी अंदर न घुसे. वहीं, फार्म में तापमान, रोशनी और भोजन व पानी की पूरी व्यवस्था रखें.

धोनी भी पाल रहे कड़कनाथ मुर्गे: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी पिछले कुछ सालों से ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बड़ा सा फार्म हाउस बनाया है, जिसमें वे खेती के अलावा पोल्ट्री फार्मिंग भी करते हैं. बड़ी संख्या में कर्मचारी उनके फार्म हाउस में काम कर रहे हैं. धोनी ने जब कड़कनाथ मुर्गे का पालन शुरू किया था, तब उन्होंने दो हजार से अधिक कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया. तकरीबन महीने भर बाद उन्हें इन चूजों की डिलीवरी मिल भी गई थी. उन्होंने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले से ही कड़कनाथ चूजों का ऑर्डर दिया था.

काले रंग की दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति: यह एक दुर्लभ मुर्गे की प्रजाति है. यह काले रंग का मुर्गा होता है जो दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है. जहां कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है.

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