

भारत में पहली बार समानता की बात करने वाले वैष्णव संत रामानुजाचार्य स्वामी (Ramanujacharya Swami) के जन्म को 1000 साल पूरे हो चुके हैं. उनकी याद में हैदराबाद (Hyderabad) से सटे शमशाबाद में एक भव्य मंदिर बनाया गया है. जिसे बनाने की कुल लागत 1000 करोड़ रुपये से अधिक है. इसे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ के नाम से भी पुकारा जा रहा है. जो दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसकी लंबाई 216 फीट है. प्रतिमा में 1800 टन से अधिक पंच लोहा का इस्तेमाल किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को इसका उद्घाटन करेंगे. इसका परिसर 200 एकड़ से अधिक जमीन पर फैला हुआ है. इसे लेकर वैष्णव संप्रदाय के मौजूदा आध्यात्मिक प्रमुख त्रिदंडी श्री चिन्ना जियार स्वामी ने कहा, इस प्रोजेक्ट को स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी बोलते हैं. इसका संकल्प साल 2013 में हुआ था.